पहले कहा 'ना', फिर बोले 'ओके' : जानें डिप्टी CM बनने के लिए कैसे तैयार हुए फडणवीस

दिल्ली से पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने देवेंद्र फडणवीस से बात की और उनसे आग्रह किया वो डिप्टी सीएम का पद स्वीकार करें.

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे अगले मुख्यमंत्री होंगे इसकी घोषणा देवेंद्र फडणवीस ने शपथ ग्रहण समारोह से पहले ही कर दी थी. उन्होंने ये भी कहा था कि वो इस सरकार में कोई पद नहीं लेंगे और सरकार को बाहर से अपना समर्थन देंगे. लेकिन अपने इस बयान के कुछ घंटे बाद ही उन्हें अपना ये फैसला बदलना पड़ा. दरअसल, दिल्ली से पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने देवेंद्र फडणवीस से बात की और उनसे आग्रह किया वो डिप्टी सीएम का पद स्वीकार करें. नड्डा ने गुरुवार शाम को कहा कि आप लोग एक और ट्विस्ट के लिए तैयार रहे. मैनें देवेंद्र फडणवीस से खुद बात की और उन्हें इसके लिए मनाया है. 

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बता दें कि गुरुवार सुबह से ही अटकलें लगाई जा रही थीं कि देवेंद्र फडणवीस ही राज्य के नए मुख्यमंत्री होंगे, लेकिन शाम आते-आते देवेंद्र फडणवीस ने खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस में एकनाथ शिंदे का नाम लेकर ये साफ कर दिया कि वो राज्य की नई सरकार में किसी भूमिका में नहीं होंगे. फडणवीस ने कहा कि बीजेपी एनकाथ शिंदे का साथ देंगे, और एकनाथ शिंदे ही राज्य के नए मुख्यमंत्री होंगे. कॉन्फ्रेंस के दौरान महाअघाड़ी सरकार और उद्धव ठाकरे पर जमकर हमला बोला था.

उन्होंने कहा था कि हमे 2019 में 105 सीटें मिली थी, उस चुनाव से पहले हमारा और शिवसेना का गठबंधन था. सरकार बनाने के लिए शविसेना ने एनसीपी कांग्रेस से गठबंधन करके बीजेपी को अलग कर दिया. उस समय जो सरकार बनी उसने बहुमत का अपमान किया. महाअघाडी सरकार ने जनादेश का अपमान किया था. ढाई साल की सरकार में मअघाड़ी के दो मंत्री जेल चले गए. ये सरकार महाभ्रष्ट सरकार थी. महाअघाड़ी के कई ऐसे नेता जिनके संबंध दाउद तक से थे. मअघाड़ी की सरकार में रोज हिन्दुत्व का अपमान होता था. उन्होंने कहा कि मैं नई सरकार का हिस्सा नहीं बनूंगा. 

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देवेंद्र फडणवीस ने आगे कहा था कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के विधायकों ने मांग की हम एनसीपी और कांग्रेस के साथ नहीं रह सकते. औऱ ये गठबंधन तोड़ा जाए. उन्होंने कहा था कि उद्धव ठाकरे ने हिन्दुत्व छोड़ दिया. और अपने विधायकों से ज्यादा कांग्रेस-एनसीपी को महत्व देने लगे थे. इसके चलते ही इन विधायकों ने अपनी आवाज बुलंद दी. मैं इसे बगावत नहीं कहूंगा.

उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के बाद हम शुरू से कह रहे थे कि हम राज्य को मजबूत सरकार देने को तैयार हैं.  आज एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद के रूप में अपनी दावेदारी राज्यपाल को दिया है. बीजेपी उनके साथ खड़े हैं. हमने सभी विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को सौंपा है. राज्यपाल जी एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद के शपथ के लिए साढ़े सात बजे का न्योता दिया था. 

बाद में मंत्रीमंडल का विस्तार किया जाएगा. मैं सरकार से बाहर रहूंगा और सरकार को पूरा सहयोग करूंगा. इस सरकार को सफल बनाने के लिए जो जो चीज करने की जरूत होती वो सब करूंगा. मुझे भरोसा है कि पीएम मोदी ने विकास का जो पर्व शुरू किया था हम उसे और आगे बढ़ाएंगे. मैं एकनाथ शिंदे जी को बहुत बधाई देता हूं. 

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