- बेंगलुरु में नकदी वैन से करीब 7 करोड़ रुपये की लूट के मामले की जांच पुलिस ने तेज कर दी है.
- पुलिस ने ड्राइवर, कस्टोडियन, गनमैन से लंबी पूछताछ कर उनके मोबाइल फोन जब्त कर लिया.
- जांच में संदिग्ध बातचीत, टावर डंप एनालिसिस और CCTV फुटेज की बारीकी से जांच की जा रही है.
बेंगलुरु में बुधवार को कुछ अज्ञात लोगों ने खुद को कथित तौर पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अधिकारी बताकर एटीएम नकदी वैन को रोका और करीब 7 करोड़ रुपये लेकर फरार हो गए. इस नाटकीय लूट की जांच पुलिस ने तेज कर दी है. पुलिस हर एंगल से मामले की जांच कर रही है. पुलिस को शक है कि शायद कोई अंदर का व्यक्ति इसमें शामिल हो सकता है. वहीं राज्य गृह मंत्री जी.परमेश्वर परमेश्वर ने इस मामले पर अपडेट देते हुए बताया , चोरों ने पकड़े जाने से बचने के लिए दूसरी गाड़ी का नंबर प्लेट इस्तेमाल किया है. जब हमने उस नंबर को सर्च किया तो पता चला कि वह एक ऐसे आदमी का है जिसके पास मारुति स्विफ्ट कार है.

गृह मंत्री ने आगे कहा हमें नहीं पता कि उन्होंने शहर से भागने के लिए कौन सी कार इस्तेमाल की है. हमें पता चला है कि उन्होंने कारें बदल लीं और पैसे भी ट्रांसफर कर लिए. हमें नहीं पता कि वह कौन सी कार है. यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कार राज्य से बाहर गई है या नहीं. उन्होंने भरोसा जताया कि दोषियों को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा.
कर्मचारियों से पुलिस कर रही है पूछताछ
सूत्रों का कहना है कि ड्राइवर विनोद, कस्टोडियन आफताब, गनमैन राजन्ना और स्टाफर थम्मैया से उनके अकाउंट वेरिफाई करने के लिए लंबी पूछताछ की गई है. चारों ने कथित तौर पर एक जैसे बयान दिए हैं और लूट में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है.
पुलिस ने उनके मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि गाड़ी, बैंक या रास्ते की कोई फोटो ली गई थी या डिलीट की गई थी. यह भी पता लगाया जा सके कि क्या किसी को फोटो या सेंसिटिव जानकारी फ़ॉरवर्ड की गई थी. इन्वेस्टिगेटर्स संदिग्ध बातचीत के लिए कॉल लॉग और मैसेज हिस्ट्री भी स्कैन कर रहे हैं, क्राइम स्पॉट के पास एक्टिव सभी मोबाइल नंबरों की पहचान करने और यह पता लगाने के लिए कि उन नंबरों और स्टाफ के बीच कोई कॉल एक्सचेंज हुई थी या नहीं, एक टावर डंप एनालिसिस शुरू किया गया है.
हर एंगल से हो रही है जांच
बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर सीमांत कुमार सिंह ने कन्फर्म किया कि अंदर के लोगों के शामिल होने और सिक्योरिटी में चूक समेत कई एंगल से जांच की जा रही है. उन्होंने कहा, “हमारे पास जानकारी है कि करीब 7 करोड़ रुपये लूटे गए हैं, लेकिन सही रकम कितनी है, यह अभी कन्फर्म नहीं हुआ है. क्योंकि ड्राइवर साफ जानकारी नहीं दे रहा है, पूरे शहर में चेकपोस्ट बनाए गए हैं और तीन DCP और एक जॉइंट कमिश्नर समेत कई टीमें इस केस पर काम कर रही हैं. हम पता लगा रहे हैं कि सिक्योरिटी वालों ने अपने हथियार क्यों नहीं इस्तेमाल किए और पुलिस को बताने में देरी क्यों हुई.”
जांच करने वालों का मानना है कि स्टाफ से मिली शुरुआती जानकारी के आधार पर लुटेरों ने WhatsApp कॉल पर बातचीत की और कन्नड़ में बात की. उन्हें यह भी शक है कि गैंग ने दो ग्रुप में काम किया. एक ग्रुप ने CMS स्टाफ को किडनैप करने का और दूसरा ग्रुप ने कैश लेकर भागने का काम किया. माना जा रहा है कि इस्तेमाल की गई गाड़ी पर नकली नंबर प्लेट लगाी गई थी.
CCTV फुटेज की बारीकी से जांच
कर्नाटक-तमिलनाडु बॉर्डर इलाकों में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया हैं, जिसमें 50 से ज़्यादा लोग तैनात हैं. टोल प्लाजा और सभी बड़े एग्जिट रास्तों के CCTV फुटेज की बारीकी से जांच की जा रही है. पुलिस हाल ही में इस्तीफा देने वाले CMS कर्मचारियों, नए भर्ती हुए लोगों, संदिग्ध कर्मचारियों और किसी भी ऐसे व्यक्ति की भी जांच कर रही है जिसका क्रिमिनल रिकॉर्ड हो. ताकि अंदरूनी मिलीभगत का पता चल सके. बेंगलुरु पुलिस का कहना है कि केस को सुलझाना अब उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है.
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि जे.पी. नगर में स्थित बैंक शाखा से नकदी लेकर जा रही वैन से लूटपाट अशोक स्तंभ के पास हुई. पुलिस ने शुरू में कहा था कि अपराधियों ने आयकर अधिकारी होने का दिखावा किया था. कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा कि बेंगलुरू में ऐसी घटना संभवत: पहले कभी नहीं हुई. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि भारत सरकार का स्टिकर लगी एक कार में सवार होकर कुछ लोग आए और दस्तावेजों का सत्यापन करने की बात कहते हुए नकदी ले जा रहे वाहन को रोक लिया. इसके बाद संदिग्धों ने नकदी लेकर वैन के कर्मचारियों को जबरन अपनी कार में बिठा लिया. अधिकारी ने बताया कि वे कथित तौर पर डेयरी सर्कल की ओर गए, जहां उन्होंने कर्मचारियों को उतार दिया और लगभग सात करोड़ रुपये नकदी लेकर फरार हो गए. प्रारंभिक जानकारी का हवाला देते हुए अधिकारी ने कहा कि पैसा सीएमएस कैश वैन से जबरदस्ती एक वाहन में स्थानांतरित कर लिया गया.
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