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This Article is From May 14, 2024

बंगाल : भाजपा उम्‍मीदवार दिलीप घोष की कार पर पथराव, NDTV की गाड़ी में सवार हुआ घायल जवान 

एक सुरक्षाकर्मी के सिर में चोट लग गई और वह किसी तरह एनडीटीवी के वाहन में चढ़ने में कामयाब रहा, उसके घाव से खून बह रहा था.

बर्धमान-दुर्गापुर सीट पर बीजेपी उम्मीदवार दिलीप घोष के काफिले पर पत्थर फेंके गए.

कोलकाता:

पश्चिम बंगाल (West Bengal) में सोमवार को लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के चौथे चरण में मतदान के दौरान हिंसा की कई घटनाएं सामने आईं. बंगाल में आठ लोकसभा सीटों के लिए मतदान हुआ. हालांकि चुनाव अधिकारियों ने दावा किया है कि मतदान शांतिपूर्ण रहा. विभिन्न राजनीतिक दलों ने कथित रूप से ईवीएम के खराब होने और एजेंटों को बूथों में प्रवेश करने से रोकने की करीब 1,088 शिकायतें दर्ज की हैं. बर्धमान-दुर्गापुर लोकसभा क्षेत्र (Bardhaman–Durgapur Lok Sabha constituency) के कुछ इलाकों में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई.

कालना गेट में भाजपा के उम्मीदवार दिलीप घोष (Dilip Ghosh) को उस समय विरोध का सामना करना पड़ा, जब वह कुछ शिकायतें मिलने के बाद एक मतदान केंद्र पर जा रहे थे. तृणमूल समर्थकों ने उनका रास्ता रोक लिया और 'वापस जाओ' के नारे लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया. भाजपा नेता के काफिले पर भी पत्थर फेंके गए और इसके चलते कुछ कारें क्षतिग्रस्त हो गईं.

एनडीटीवी द्वारा रिकॉर्ड दृश्यों में अर्धसैनिक बल के जवान भीड़ को नियंत्रण में रखने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं. इसके तुरंत बाद लोगों के एक समूह ने घोष की कार पर पथराव कर दिया, जिसमें एक सुरक्षाकर्मी के सिर पर चोट आई और वह किसी तरह एनडीटीवी के वाहन में चढ़ने में कामयाब रहा. उसके घाव से खून बह रहा था. एक पत्थर एनडीटीवी के कैमरापर्सन के पैर में भी लगा.

यह दृश्‍य घोष और उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी तृणमूल के कीर्ति आजाद के बीच सौहार्दपूर्ण मुलाकात से बहुत अलग थे. एक मतदान केंद्र के दौरे के दौरान दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को गले लगाया था. चुनाव के दौरान सत्तारूढ़ तृणमूल और उसके मुख्य प्रतिद्वंद्वी भाजपा नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली है, जिसके बीच यह एक दुर्लभ दृश्य था. 

पोलिंग एजेंटों को बूथों में प्रवेश करने से रोकने का आरोप 

इससे पहले दिन में घोष ने मीडिया से कहा कि "टीएमसी के गुंडे" पोलिंग एजेंटों को बूथों में प्रवेश करने से रोक रहे थे. 

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक उन्‍होंने कहा, "जब मैं गांवों में गया तो महिलाओं ने मुझसे हाथ जोड़कर पूछा कि क्या वे वोट दे पाएंगे या नहीं. लोगों को धमकाना उनकी (तृणमूल की) आदत है. टीएमसी के गुंडे पीठासीन अधिकारी समेत पोलिंग एजेंटों को बूथ में प्रवेश नहीं करने दे रहे हैं. बीती रात  उन्होंने कुछ इलाकों में लोगों को धमकाया और मतदान के लिए बाहर नहीं आने के लिए कहा. मुझे उम्मीद है कि स्थिति में सुधार होगा और सुचारू रूप से मतदान होगा." 

उधर, तृणमूल कांग्रेस ने घोष पर माहौल को खराब करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है "क्योंकि उन्हें हार का एहसास हो गया है".

बीरभूम और कृष्णानगर निर्वाचन क्षेत्रों में भी झड़प

बीरभूम और कृष्णानगर निर्वाचन क्षेत्रों में भी झड़पों की खबर है, जहां भाजपा कार्यकर्ताओं की तृणमूल समर्थकों से भिड़ंत हुई. भाजपा उम्मीदवार अमृता रॉय कृष्णानगर से तृणमूल की फायरब्रांड नेता महुआ मोइत्रा का मुकाबला कर रही हैं, उन्‍हें अपने दो घायल समर्थकों के साथ पुलिस स्टेशन जाते देखा गया. निर्वाचन क्षेत्र के तेहट्टा इलाके में एक मतदान केंद्र पर मौजूद रहने को लेकर तृणमूल समर्थकों के साथ झड़प के दौरान एक सीपीएम कार्यकर्ता घायल हो गया. बीरभूम के कुछ इलाकों में तृणमूल कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय बलों पर मतदाताओं को डराने-धमकाने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया है. 

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