कोलकाता. पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से 10 हजार करोड़ रुपये के कर्ज का अनुरोध किया है. बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और नंदीग्राम के विधायक शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari ) ने ट्वीट कर यह दावा किया है. इसके साथ ही केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से अनुरोध किया है कि पश्चिम बंगाल सरकार के अनुरोध को स्वीकार नहीं करें, क्योंकि तृणमूल कांग्रेस की सरकार सरकारी खजाने का दुरुपयोग कर रही है. इस राशि का इस्तेमाल विकास के लिए नहीं कर लाभकारी योजनाओं में की जाएगी और इनका गलत इस्तेमाल होगा.
नंदीग्राम से बीजेपी विधायक अधिकारी ने ट्विटर पर यह आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल ने आरबीआई से 10000 करोड़ रुपये का कर्ज देने का अनुरोध किया है. दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से राज्य पहले ही अपनी उधारी सीमा को पार कर चुका है.
Govt of WB has raised a loan request to RBI for an amount of ₹ 10000 crore.
— Suvendu Adhikari • শুভেন্দু অধিকারী (@SuvenduWB) October 28, 2022
Unfortunately, WB has already breached its borrowing limit under the Fiscal Responsibility & Budget Management (FRBM) Act.
It's also alarming that Bengal's debt burden's approximately Rs 6 lakh crore: pic.twitter.com/ffcEStMf9Y
शुभेंदु अधिकारी ने इसके साथ ही आरोप लगाया कि ममता बनर्जी की सरकार ने पहले एफआरबीएम अधिनियम के तहत उधार की सीमा का उल्लंघन कर चुकी है और पश्चिम बंगाल पर करीब छह लाख करोड़ रुपये का कर्ज पहले से ही है.
उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्रालय से आग्रह किया कि पश्चिम बंगाल को अपनी भूमि नीति में संशोधन कर आंतरिक राजस्व जुटाने की सलाह दी जाए. पश्चिम बंगाल की वित्त राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चंद्रिमा भट्टाचार्य ने अधिकारी के आरोपों को नकारते हुए कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को बंगाल का बकाया देना चाहिए.
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