विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Apr 18, 2017

बाबरी केस में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, आडवाणी, जोशी, उमा समेत 12 पर चलेगा का केस

बाबरी केस में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, आडवाणी, जोशी, उमा समेत 12 पर चलेगा का केस
बाबरी विध्वंस मामला : लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती और मुरली मनोहर जोशी समेत 13 पर चलेगा केस
नई दिल्ली: बाबरी विध्वंस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने आज अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा है कि आडवाणी, जोशी, उमा भारती समेत 12 नेताओं पर आपराधिक साजिश का केस चलेगा. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रोजाना सुनवाई के आदेश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने कहा कि स्पेशल कोर्ट 2 साल में मामले की सुनवाई पूरी करे. वहीं केस को रायबरेली से लखनऊ ट्रांसफर कर दिया है. जहां तक सुनवाई रायबरेली में हो गई थी, उससे आगे की सुनवाई वहां होगी. साथ ही मामले से जुड़े जजों के तबादले पर रोक लगा दी गई है. सीबीआई को आदेश दिया है कि इस मामले में रोज उनका वकील कोर्ट में मौजूद रहे. सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आपराधिक प्रकरण चलाने का 40 पेज का है फैसला दिया. संविधान के आर्टिकल 142 के तहत यह फैसला दिया गया है.  

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट के पास यह अधिकार और उसकी डयूटी है कि वह किसी मामले में पूरा न्याय दे. यह अपराध जिसने देश के संविधान के सेक्युलर फेब्रिक्स को हिला दिया वह 25 साल पहले हुआ था. यह आरोपी इस केस में सही तरह से बुक नहीं किए गए क्योंकि सीबीआई ने आरोपियों को लेकर केस को सही तरीके से ज्वाइंट ट्रायल के लिए आगे नहीं बढ़ाया.  

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार ने तकनीकी खामी को दूर नहीं किया जो आसानी से हो सकती थी. उस वक्त सीबीआई को राज्य सरकार की तकनीकी गड़बड़ी को दूर कराने के प्रयास करने थे, जो आसानी से हो सकते थे. वह मामले को हाईकोर्ट मे चुनौती देती तो यह नौबत नहीं आती और ज्वाइंट ट्रायल होने के बाद अब तक फैसला आ चुका होता.

बता दें कि यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मौजूदा वक्त में राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह पर केस नहीं चलेगा. पद पर होने की वजह से उन्हें केस से छूट दी गई है. पद से हटने के बाद उन पर केस चल सकता है.

 इससे पूर्व 6 अप्रैल के आदेश को सुरक्षित रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम इस मामले में इंसाफ़ करना चाहते हैं. महज़ टेक्निकल ग्राउंड पर इनको राहत नहीं दे सकती और उनके खिलाफ साज़िश का ट्रायल चलना चाहिए. हम डे टू डे सुनवाई कर दो साल में सुनवाई पूरी कर सकते हैं. वहीं आडवाणी की ओर से दोबारा ट्रायल पर आपत्ति जताते हुए कहा गया था कि मामले में 183 गवाहों को फिर से बुलाना होगा, जो काफ़ी मुश्किल है. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में इन नेताओं के ख़िलाफ़ आपराधिक साज़िश का ट्रायल चलाए जाने की मांग की थी. साथ ही साज़िश की धारा हटाने के इलाहाबाद हाइकोर्ट के फ़ैसले को रद्द किया जाना चाहिए.

1992 में बाबरी मामले में बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी,  यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती समेत 13 नेताओं पर आपराधिक साजिश रचने के आरोप हटाए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई थी. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि महज टेक्निकल ग्राउंड पर इनको राहत नहीं दी जा सकती और इनके खिलाफ साजिश का ट्रायल चलना चाहिए.

बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में दो अलग-अलग अदालतों में चल रही सुनवाई एक जगह क्यों न हो? कोर्ट ने पूछा था कि रायबरेली में चल रहे मामले की सुनवाई को क्यों न लखनऊ ट्रांसफर कर दिया जाए, जहां कारसेवकों से जुड़े एक मामले की सुनवाई पहले से ही चल रही है. वहीं लालकृष्ण आडवाणी की ओर से इसका विरोध किया गया. कहा गया कि इस मामले में 183 गवाहों को फिर से बुलाना पड़ेगा जो काफी मुश्किल है. कोर्ट को साजिश के मामले की दोबारा सुनवाई के आदेश नहीं देने चाहिए.

सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि आडवाणी,  यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत 13 नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश का ट्रायल चलना चाहिए. सीबीआई ने कहा था कि रायबरेली के कोर्ट में चल रहे मामले का भी लखनऊ की स्पेशल कोर्ट के साथ ज्वाइंट ट्रायल होना चाहिए. इलाहाबाद हाईकोर्ट के साजिश की धारा को हटाने के फैसले को रद्द किया जाए.

दरअसल आडवाणी, कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी और बीजेपी, विहिप के अन्य नेताओं पर से आपराधिक साजिश रचने के आरोप हटाए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था. इससे संबंधित अपीलों में इलाहाबाद हाईकोर्ट के 20 मई 2010 के आदेश को खारिज करने का आग्रह किया गया . हाईकोर्ट ने विशेष अदालत के फैसले की पुष्टि करते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश) हटा दी थी. पिछले साल सितंबर में सीबीआई ने शीर्ष अदालत से कहा था कि उसकी नीति निर्धारण प्रक्रिया किसी से भी प्रभावित नहीं होती और वरिष्ठ भाजपा नेताओं पर से आपराधिक साजिश रचने के आरोप हटाने की कार्रवाई उसके (एजेंसी के) कहने पर नहीं हुई. सीबीआई ने एक हलफनामे में कहा था कि सीबीआई की नीति निर्धारण प्रक्रिया पूरी तरह स्वतंत्र है. सभी फैसले मौजूदा कानून के आलोक में सही तथ्यों के आधार पर किए जाते हैं. किसी शख्स, निकाय या संस्था से सीबीआई की नीति निर्धारण प्रक्रिया के प्रभावित होने या अदालतों में मामला लड़ने के उसके तरीके के प्रभावित होने का कोई सवाल नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट का फैसला
  1. आडवाणी समेत बीजेपी नेताओं पर चलेगा आपराधिक साजिश का ट्रायल
  2. सुप्रीम कोर्ट का बडा फैसला
  3. रायबरेली से ट्रायल लखनऊ की स्पेशल कोर्ट ट्रांसफर
  4. कारसेवकों के मामले के साथ ही चलेगा ट्रायल
  5. दो साल में ट्रायल पूरी करे स्पेशल कोर्ट
  6. डे टू डे हियरिंग होगी
  7. लखनऊ की एडिशनल सेशन जज की स्पेशल कोर्ट चार हफ्ते मे। 120 B के चार्ज तय करेंगे
  8. कल्याण सिंह को राज्यपाल होने की वजह से पद पर बने रहने तक छूट रहेगी
  9. केस के जज का सुनवाई पूरी होने तक ट्रांसफर नहीं होंगे
  10. केस का ट्रायल जहां था वहीं से शुरु होगा
  11. बिना वजह केस की सुनवाई नहीं टलेगी

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
देश के इन राज्‍यों में जबरदस्‍त बारिश का अनुमान, जानिए आज कहां-कहां है रेड और ऑरेंज अलर्ट
बाबरी केस में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, आडवाणी, जोशी, उमा समेत 12 पर चलेगा का केस
Budget 2024: चार्ट से समझें कैलकुलेशन - Standard Deduction बढ़ोतरी, Income Tax Slabs में बदलाव से किसे कितना फ़ायदा
Next Article
Budget 2024: चार्ट से समझें कैलकुलेशन - Standard Deduction बढ़ोतरी, Income Tax Slabs में बदलाव से किसे कितना फ़ायदा
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;