राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की मुंबई के बांद्रा ईस्ट इलाके में तीन लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी. सिद्दीकी पर अंधाधुंध कई राउंड फायरिंग हुई. उन्हें 4 गोलियां लगीं, जिनमें से एक सीने में लगी. हालांकि, सिद्दीकी की हत्या के पीछे का मकसद स्पष्ट नहीं है. कांग्रेस विधायक बेटे जीशान बी. सिद्दीकी, उनके करीबी दोस्त और बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त सहित अन्य लोग भी अस्पताल पहुंचे.
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— NDTV India (@ndtvindia) October 12, 2024
बिहार के रहने वाले थे बाबा सिद्दीकी
बिहार के गोपालगंज में माझा प्रखंड के शेख टोली गांव में बाबा सिद्दीकी का परिवार रहता है. बाबा सिद्दीकी का पूरा नाम बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी था. बाबा सिद्दीकी अपने राजनीतिक कौशल के साथ-साथ भव्य पार्टियों की मेजबानी के लिए भी जाने जाते थे. सुपरस्टार शाहरुख खान और सलमान खान के बीच हुए विवाद सिद्दीकी द्वारा आयोजित एक इफ्तार पार्टी में सुलझ गया था.
राजनीति में कैसा रहा बाबा सिद्दीकी का सफर
बाबा सिद्दीकी सन 1999, 2004 और 2009 में बांद्रा पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए थे. उन्होंने 2004 और 2008 के बीच खाद्य और नागरिक आपूर्ति, श्रम और एफडीए राज्यमंत्री के रूप में भी कार्य किया था. वे सन 2014 के विधानसभा चुनाव में हार गए थे. बाबा सिद्दीकी लंबे समय तक कांग्रेस से जुड़े रहे थे. बीते फरवरी में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी और एनसीपी के अजीत पवार गुट में शामिल हो गए थे. उनके बेटे जीशान सिद्दीकी को अगस्त में कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था.
बॉलीवुड के कलाकारों से थी काफी नजदीकियां
बाबा सिद्दीकी ने 8 फरवरी 2024 को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. वे 48 साल तक कांग्रेस में रहे थे. वे 12 फरवरी 2024 को अजीत पवार के नेतृत्व वाली पार्टी एनसीपी में शामिल हो गए थे.बाबा सिद्दीकी की बॉलीवुड के कलाकारों से काफी नजदीकियां थीं. उनके संजय दत्त और सलमान खान सहित कई सितारों से अच्छे रिश्ते थे.
1988 में मुंबई युवा कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए
1977 में बाबा सिद्दीकी कांग्रेस में शामिल हुए थे. तब सिद्दकी नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के सदस्य बने थे. उन्होंने कई छात्र आंदोलनों में भाग लिया. सिद्दीकी सन 1980 में बांद्रा युवा कांग्रेस के महासचिव बने. बाद में अध्यक्ष बन गए. सन 1988 में वे मुंबई युवा कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए थे. सन 1992 में वे मुंबई महानगरपालिका के पार्षद चुने गए और इस पद पर लगातार दो कार्यकाल पूरे किए.
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