महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी (Baba Siddique Murder) की मुंबई में उनके बेटे के ऑफिस के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. शूटरों ने सिद्दीकी पर छह गोलियां चलाईं. इसमें पास ही खड़े एक अन्य व्यक्ति राज कनौजिया को भी गोली लग गई. इस सनसनीखेज मर्डर की घटना ने पूरे मुंबई को हिला दिया. इस मर्डर ने अपने पीछे कई सवाल ऐसे छोड़ दिए, जिनके जवाब अभी भी खोजे जा रहे हैं. इस बीच बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में कुछ और बड़े खुलासे हुए हैं. NDTV को टॉप सूत्रों से जानकारी मिली है कि बाबा सिद्दीकी मर्डर केस का मकसद सलमान को डराना और मुंबई में दहशत फैलाना है.
आ गया है नया डॉन, दाऊद को बताना था
मुंबई पुलिस की शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि बाबा सिद्दीकी की हत्या का मकसद सलमान खान और मुंबई में दहशत पैदा करन के अलावा दाऊद तक संदेश पहुंचाना था कि देश में एक नया डॉन आ गया है. इस मर्डर का मकसद खुद को मुंबई का डॉन साबित करना था. शूटर हत्या के 28 दिन पहले मुंबई आए थे. जो कि 28 दिन में 5 बार बाबा सिद्दीकी के घर और दफ्तर रेकी करने गए.
हत्या के लिए विदेशी हथियारों का इस्तेमाल
हत्या की साजिश इसी साल जून से शुरू हुई. वारदात के वक्त मौके पर तीन शूटर धर्मराज,शिवा और गुरमेल थे. वहीं जीशान अख्तर वारदात के मुंबई से बाहर था, वो बाहर से पूरे ऑपरेशन को कॉर्डिनेट कर रहा था. शूटरों को शुभम का भाई प्रवीण पुणे से मुंबई छोड़ने आया था. शूटरों को पैसे शुभम ने दिए थे. सभी शूटरों को 50- 50 हजार रुपए दिए गए. बाबा सिद्दीकी की हत्या में विदेशी हथियारों का इस्तेमाल किया गया. ये हथियार पंजाब के रास्ते विदेश से आए थे.
लारेंस गैंग से शूटर्स को कैसे मिले आदेश
जीशान अख्तर के जरिए मुंबई में हथियार भेजे गए. मुंबई पुलिस ने आरोपियों से दो 9MM विदेशी पिस्टल बरामद बरामद की है. दोनों शूटरों के पास 3 मोबाइल बरामद हुए. रेकी करने में एक बाइक का प्रयोग किया गया, उस बाइक को भी बरामद कर लिया गया. शिवा को लारेंस गैंग से सिग्नल ,टेलीग्राम और स्नैपचैट पर आदेश आ रहे थे. शिवा वो जानकारियां बाकी शूटरों से साझा कर रहा था. शिवा और उसका मोबाइल मिलते ही जांच को नई दिशा मिलेगी.
लारेंस के भाई ने अमेरिका से ऑपरेट किया पूरा ऑपरेशन
शक है कि पूरा ऑपरेशन अमेरिका में बैठा लारेंस का भाई अनमोल विश्नोई कॉर्डिनेट कर रहा था. शूटरों को पता था कि वो किसको और क्यों मारने वाले हैं. शिवा को हत्या के बाद उज्जैन के पास ओंकारेश्वर जाना था जहां उसे लारेंस गैंग के किसी गुर्गे से मिलना था. पंजाब की पटियाला जेल में जीशान अख्तर की मुलाकात गुरमेल से हुई. जीशान ने ही गुरमेल को लारेंस गैंग में शामिल कराया.
पुलिस इस बात से हैरान है कि हत्या के लिए विजयादशमी का दिन चुना गया जब मुंबई में जगह जगह सुरक्षा होती है. बाबा सिद्दीकी की सुरक्षा में 2 पुलिसकर्मी होते थे. वारदात के वक्त पुलिसकर्मियों ड्यूटी चेंज हो रही थी, उस वक्त बाबा के साथ एक पुलिसकर्मी था लेकिन उसने फायरिंग नहीं की. शूटर्स केवल बाबा सिद्दीकी को मारने आए थे. बाबा सिद्दीकी के बेटे को मारने का कोई प्लान नहीं है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं