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This Article is From Mar 26, 2024

B.Com और BE ग्रेजुएट बना रहे थे नकली सिक्के, 3 साल से चला रहे थे फैक्ट्री, अब दिल्ली पुलिस ने किया भंडाफोड़

पुलिस के मुताबिक, पिछले 3 साल में ये लोग करीब 20 लख रुपए के नकली सिक्के सप्लाई कर चुके हैं.  यह कार्रवाई दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक सूचना के आधार पर की है.

B.Com और BE ग्रेजुएट बना रहे थे नकली सिक्के, 3 साल से चला रहे थे फैक्ट्री, अब दिल्ली पुलिस ने किया भंडाफोड़
1 लाख 70 हजार के नकली सिक्के बरामद.
नई दिल्ली:

अभी हाल ही में OTT प्लेटफॉर्म पर Farzi नाम की एक वेब सीरीज आई थी. इसमें किरदार भारतीय नोटों की नकल करता है, हालांकि, छानबीन में पकड़ा जाता है. दिल्ली में ठीक एक ऐसा ही मामला सामने आया है. दिल्ली पुलिस ने  मंडोली इलाके से एक नकली सिक्के बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में पुलिस ने आकाश राठौर और सर्वेश यादव नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है. फिलहाल इस मामले पर पूछताछ जारी है.

दो आरोपी गिरफ्तार

पुलिस के मुताबिक, दिल्ली के मंडोली इलाके में पुलिस ने फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने नकली सिक्के बनाने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार भी किया. पुलिस के मुताबिक, इस फैक्ट्री में ₹20 के नकली सिक्के बनाए जाते थे. इन दोनों पर आरोप है कि ये नकली सिक्कों को दिल्ली के आस-पास अपने संपर्कों के जरिए सप्लाई कर रहे थे. 

सिक्के बनाने वाली नकली मशीन बरामद

पुलिस के मुताबिक, पिछले 3 साल में ये लोग करीब 20 लख रुपए के नकली सिक्के सप्लाई कर चुके हैं.  यह कार्रवाई दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक सूचना के आधार पर की है. पुलिस ने फैक्ट्री से 1 लाख 60 हजार रुपये के नकली सिक्के बरामद हुए. साथ ही साथ पुलिस को सिक्के बनाने वाली मशीन भी मिली.

कौन हैं दोनों आरोपी?

पुलिस के मुताबिक, आरोपी आकाश राठौर ने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीकॉम किया है और उसने 2023 में नकली सिक्के बनाने का काम शुरु किया. उसने बाजार से सिक्के बनाने के लिए करीब 500 किलो लोहे की सीट ली. इसी बीच आरोपी सर्वेश यादव भी आकाश राठौर के संपर्क में आ गया और उसने आकाश राठौर से नकली सिक्के लेकर बाजार में सप्लाई करना शुरू कर दिया. आकाश राठौर ने इंदौर से BE किया हुआ है और वो पिछले कई सालों से इस धंधे में था. 

क्या कहती है पुलिस?

स्पेशल सेल की डीसीपी मनोज सी के मुताबिक, देखने में ये सिक्के असली सिक्कों की तरह लग रहे हैं, लेकिन इनका वजन थोड़ा काम है. इनमें चमक थोड़ी कम है और साथ में जो इनमें जो राष्ट्रीय चिन्ह बना हुआ है वह भी थोड़ा धुंधला है लेकिन बाकी यह सिक्के बिल्कुल असली सिक्कों की तरह लग रहे हैं. बाजार में इनको पहचान पाना मुश्किल है यानी कि नकली और असली में फर्क कर पाना काफी मुश्किल है

पुलिस दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है और इस सिंडिकेट के बाकी सदस्यों पता लगाने की कोशिश कर रही है.

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