"सीता माता ने अपना श्राप वापस ले लिया'' : स्मार्ट सिटी बनाए जाने पर अयोध्या के 'राजा'

राजा बिमलेंद्र मोहन प्रताप ने कहा कि अयोध्या को स्मार्ट सिटी (Ayodhya Ram Mandir Inauguration) के रूप में भी विकसित किया जा रहा है. उनको लगता है कि पांच साल में लोग सिर्फ दर्शन के लिए ही नहीं बल्कि शहर को भी देखने भी आएंगे.

नई दिल्ली:

जिस अयोध्या में कुछ साल पहले तक एक भी बढ़िया होटल नहीं था, वहां अब फाइव स्टार होटल बनाने की परमिशन मांगने वालों की लाइन लग गई है. अयोध्या (Ayodhya Ram Temple) में फाइव स्टार होटल बनाने की अनुमति मांगने के लिए प्रशासन को 100 से ज्यादा आवेदन मिले हैं. 'अयोध्या के राजा' के रूप में जाने जाने वाले बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा ने यह जानकारी भव्य राम मंदिर के उद्घाटन से पहले एनडीटीवी को दी. 

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पहले अयोध्या में नहीं था बढ़िया होटल-राजा साहब

बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा अयोध्या शाही परिवार के सदस्य हैं. उनका इतिहास राजा दर्शन सिंह के समय का है, जिनके बारे में माना जाता है कि उन्होंने 19वीं सदी में अयोध्या पर शासन किया था. राम नगरी में उनको राजा साहब के नाम से जाना जाता है. वह शुरुआत से ही राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े रहे हैं. इसके साथ ही वह राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य भी हैं. उन्होंने कहा, "सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से अयोध्या में खुशी का माहौल है. यहां पर अस्थायी मंदिर बनाया गया था, जिसमें छुट्टियों के समय और मंगलवार समेत किसी भी त्योहार पर पैर रखने की भी जगह नहीं होती. इसके वाबजूद अयोध्या में कोई अच्छा होटल नहीं था. जिला मजिस्ट्रेट ने मुझे बताया कि अब फाइव स्टार होटल खोलने के लिए 100 से ज्यादा आवेदन आ चुके हैं."

अयोध्या के विकास से तीर्थयात्रियों को मिलेगी राहत

"राजा साहब" बिमलेंद्र मोहन प्रताप ने कहा कि अयोध्या को स्मार्ट सिटी के रूप में भी विकसित किया जा रहा है. उनको लगता है कि पांच साल में लोग सिर्फ दर्शन के लिए ही नहीं बल्कि शहर को भी देखने भी आएंगे. अयोध्या को देश के सबसे पवित्र शहर के रूप में जाना जाएगा. बता दें कि  22 जनवरी को होने वाले भव्य आयोजन के लिए अयोध्या में बड़े पैमाने पर तयारी की जा रही हैं. शहर को एक नया हवाई अड्डा मिलने जा रहा है. वहीं रेलवे स्टेशन को भी नया रूप और नई सुविधाओं से सुजज्जित किया जा रहा हैं. इससे इस पवित्र शहर में आने वाले करोड़ों तीर्थयात्रियों को राहत मिलेगी. अयोध्या के सर्वांगीण विकास को देखते हुए बिमलेंद्र मिश्रा ने कहा कि ऐसा लगता है कि माता सीता ने अपना श्राप वापस ले लिया है.

"श्राप की वजह से नहीं हुआ अयोध्या का विकास"

स्थानीय किंवदंती के मुताबिक, जब भगवान राम ने अफवाहों की वजह से माता सीता को अयोध्या से बाहर निकाला था, तो उन्होंने श्राप दिया था. कई लोगों का मानना ​​है कि इस अभिशाप की वजह से ही शहर में कभी भी तीव्र गति से विकास नहीं हुआ. राजा साहब का राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़ाव तीन दशक से भी अधिक पुराना है. उन्होंने कहा कि साल 1990 में, जब अयोध्या में पुलिस गोलीबारी में करीब 50 कारसेवक मारे गए थे, तब उन्होंने कई कारसेवकों को अपने महल में शरण दी थी. उन्होंने कभी उम्मीद नहीं की थी कि वह अपने जीवनकाल में राम मंदिर का निर्माण होते देख पाएंगे. यह उनका सौभाग्य है.

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