अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मध्यस्थता कमेटी ने गुरुवार को अपनी सीलबंद रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दायर की. सूत्रों ने यह जानकारी दी है. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ इस रिपोर्ट पर शुक्रवार को दोपहर दो बजे सुनवाई करेगी. रिपोर्ट देखने के बाद सुप्रीम कोर्ट तय करेगा की मुख्य मामले की सुनवाई कब से की जाए.
अयोध्या में राम जन्मभूमि- बाबरी मस्जिद भूमि विवाद का सौहार्दपूर्ण हल निकालने के लिए गठित समिति की मध्यस्थता कार्यवाही के ‘परिणामों' पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को विचार करेगा. साथ ही न्यायालय निर्णय करेगा कि मामले में सुनवाई की जाए अथवा मध्यस्थता प्रक्रिया जारी रखी जाए.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 18 जुलाई को तीन सदस्यीय मध्यस्थता समिति से कहा था कि मध्यस्थता कार्यवाही के परिणामों के बारे में 31 जुलाई या एक अगस्त तक अदालत को सूचित करें ताकि वह मामले में आगे बढ़ सके. समिति के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एफएमआई कलीफुल्ला हैं. समझा जाता है कि कलीफुल्ला समिति ने बंद कमरे में हुई मध्यस्थता कार्यवाही के बारे में बृहस्पतिवार को सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट सौंपी.
अयोध्या विवाद: मध्यस्थता कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंपी, 2 अगस्त को होगी अगली सुनवाई
पीठ में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एसए नजीर भी शामिल हैं. 18 जुलाई तक मध्यस्थता प्रक्रिया में हुई प्रगति के बारे में रिपोर्ट पढ़ चुकी पीठ ने कहा था कि पहले के आदेश के मुताबिक इसकी विषय वस्तु को गोपनीय रखा जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई को मध्यस्थता प्रक्रिया पर रिपोर्ट मांगी थी और कहा था कि अगर अदालत मध्यस्थता प्रक्रिया समाप्त करने का फैसला करती है तो 25 जुलाई से रोजाना सुनवाई हो सकती है. इसने न्यायमूर्ति कलीफुल्ला से मध्यस्थता प्रक्रिया के बारे में 18 जुलाई तक अवगत कराने और इसकी वर्तमान स्थिति के बारे में बताने के लिए कहा था.
VIDEO : अयोध्या मामले में जारी रहेगी मध्यस्थता
(इनपुट भाषा से भी)
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