अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ आज 4 पुनर्विचार याचिकाएं दायर की जाएंगी. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से मिसबाहुद्दीन, मौलाना हसबुल्ला, हाजी महबूब और रिजवान अहमद द्वारा पुनर्विचार याचिकाएं दायर की जाएंगी. इन सभी याचिकाओं के वकील राजीव धवन होंगे. वहीं भारतीय पीस पार्टी की ओर से पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी गई है. गौरतलब है कि नवंबर महीने में सुप्रीम कोर्ट अयोध्या मामले में फैसला सुनाया था कि विवादित जमीन रामलला को दे दी जाए और मुस्लिमों को किसी दूसरी जगह 5 एकड़ जमीन दी जाए. लेकिन इस फैसले के खिलाफ सुन्नी वक्फ बोर्ड ने पुनर्विचार याचिका दाखिल करने से इनकार कर दिया है. वहीं जमीयत उलेमा हिन्द ने इस मामले से जुड़े एक पक्ष के साथ मिलकर याचिका दाखिल की है.
भारतीय पीस पार्टी के 5 सवाल
- सुप्रीम कोर्ट का फैसला पूरी तरह से एएसआई रिपोर्ट पर आधारित है ना कि तथ्यों पर.
- 1949 तक कब्ज़ा हमेशा मुस्लिमों के पास था और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 110 का इसका पालन नहीं किया गया. हिंदू पक्षकारों द्वारा झूठ बोला गया.
- केंद्रीय गुंबद के नीचे मस्जिद में 1949 तक नमाज अदा की गई थी, और 1949 से पहले वहां कोई मूर्ति नहीं थी. 1949 से पहले कोई भी हिंदू प्रार्थना नहीं करता था.
- एएसआई द्वारा कोई सबूत नहीं दिया गया है कि वहां मंदिर था जो राम को समर्पित था.
- 1885 में राम चबूतरा राम मंदिर था जो बाबरी मस्जिद का बाहरी आंगन है. इसमें मुस्लिम पक्ष का आंतरिक अदालत का विशेष अधिकार था लेकिन हाल के फैसले में यह सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्थापित नहीं किया गया है