अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान अंग्रेजी भाषा के मशहूर लेखक सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) पर एक व्यक्ति ने हमला कर दिया. मुंबई में पैदा हुए और बुकर पुरस्कार से सम्मानित रुश्दी (75) पश्चिमी न्यूयॉर्क के चौटाउक्वा संस्थान में एक कार्यक्रम के दौरान अपना व्याख्यान शुरू करने वाले ही थे कि तभी एक व्यक्ति मंच पर चढ़ा और रुश्दी को घूंसे मारे और चाकू से उन पर हमला कर दिया. रुश्दी की गर्दन पर चोट आई है. उस समय कार्यक्रम में उनका परिचय दिया जा रहा था.वहां मौजूद लोगों ने हमलावर को पकड़ लिया और बाद में उसे हिरासत में ले लिया गया. रुश्दी को मंच पर ही प्राथमिक उपचार दिया गया.ऑनलाइन पोस्ट किए गए एक वीडियो में घटना के तुरंत बाद उपस्थित लोगों को मंच की ओर भागते देखा जा सकता है. कहा जा रहा है कि वहां मौजूद लोगों ने हमलावर को पकड़ लिया.
न्यूयॉर्क पुलिस ने एक वक्तव्य जारी कर कहा है कि वह लेखक सलमान रुश्दी पर हुए हमले की जांच कर रही है. न्यूयॉर्क पुलिस ने कहा, ”12 अगस्त, 2022 को सुबह लगभग 11 बजे, एक संदिग्ध शख्स ने मंच पर चढ़कर रुश्दी और उनका साक्षात्कार ले रहे व्यक्ति पर हमला कर दिया. रुश्दी की गर्दन पर चाकू से वार किया गया है. संदिग्ध हमलावर को तुरंत हिरासत में ले लिया गया है. रुश्दी की गर्दन में चोट आई है. एक हेलीकॉप्टर के जरिए रुश्दी को एक स्थानीय अस्पताल में ले जाया गया है. उनकी हालत के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है. वहीं, उनका साक्षात्कार लेने वाले के सिर में मामूली चोट लगी है. चौटाउक्वा काउंटी शेरिफ कार्यालय की टीम घटनास्थल पर मौजूद है.”रुश्दी की विवादित पुस्तक ‘‘द सैटेनिक वर्सेज'' ईरान में 1988 से प्रतिबंधित है. कई मुसलमानों का मानना है कि रुश्दी ने इस पुस्तक के जरिए ईशनिंदा की है. इसे लेकर ईरान के तत्कालीन सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खमनेई ने रुश्दी को मौत की सजा दिए जाने का फतवा जारी किया था.ईरान ने रुश्दी की हत्या करने वाले को 30 लाख डॉलर से अधिक का इनाम देने की भी पेशकश की थी.सलमान रुश्दी की पुस्तक ‘‘मिडनाइट्स चिल्ड्रन'' के लिए उन्हें प्रतिष्ठित बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
'द बुकर प्राइजेज' ने रुश्दी पर हुए हमले की निंदा की है.दिल्ली स्थित ब्रिटिश लेखक विलियम डेलरिंपल ने रुश्दी पर हुए हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए उम्मीद जताई कि उन्हें चोट नहीं आई होगी.
We are deeply shocked to hear of the brutal and unprovoked attack on Sir Salman Rushdie in New York State today. We condemn the senseless actions of his attacker and send our thoughts and best wishes to Salman.
— The Booker Prizes (@TheBookerPrizes) August 12, 2022
न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस की ओर से कहा गया है कि उसके रिपोर्टर ने चौटाक्वा इंस्टीट्यूशन में एक शख्स को तेजी से मंच पर आते हुए देखा. जब परिचय दिया जा रहा था तो इस शख्स ने रुश्दी पर हमला किय. इसके कारण मशहूर लेखक फर्श पर गिर गए. गौरतलब है कि भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक, 75 वर्ष के रुश्दी पिछले 20 सालोंं से अमेरिका में रह रहे हैं.
Awful news. Salman Rushdie reportedly stabbed while about to deliver a lecture in New York. Things really can't get worse for free thinkers in a world where radicals run amuck.
— Pritish Nandy (@PritishNandy) August 12, 2022
सलमान रुश्दी का पहला उपन्यास 1975 में आया था लेकिन आधुनिक भारत के बारे में उनकी मौलिक रचना मिडनाइट्स चिल्ड्रन (1981) है. अपनी चौथी पुस्तक The Satanic Verses (1988) के विवाद के बाद वे लंबे समय तक लोगों की नजरों से दूर रहे. (भाषा से भी इनपुट)
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