केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में करीब 5000 कश्मीरी पंडित कर्मचारी अपने साथी कर्मचारी राहुल भट्ट की टारगेट कीलिंग के खिलाफ पिछले 90 दिनों से धरना दे रहे हैं. ये कर्मचारी टारगेट कीलिंग से खौफजदा हैं, इसलिए सरकार से अपना तबादला घाटी से बाहर करने की मांग कर रहे हैं और पिछले 90 दिनों से इस मांग पर अड़े हैं.
पीएम पैकेज के तहत नियुक्त ये कर्मचारी वित्त विभाग, लोक निर्माण विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, ग्रामीण विकास और योजना विभागों में तैनात हैं. प्रशासन ने इनके आंदोलन को देखते हुए सिर्फ पांच कर्मचारियों का ही तबादला किया है लेकिन उनलोगों ने अभी तक ज्वाइन नहीं किया है. इस वजह से उन्हें भी वेतन नहीं मिल रहा है.
बीजेपी सांसद ने कर्मचारियों के तबादले की मांग को मुद्दा बनाते हुए ट्वीट किया है कि क्या सुरक्षित एवं बेहतर जीवन की अपेक्षा हर भारतीय नागरिक का अधिकार नही है?
गांधी ने ट्वीट किया, "घाटी में राहुल भट्ट जी की निर्मम हत्या के बाद से चल रहे कश्मीरी पंडितों के आंदोलन को अब 90 दिन बीत चुके हैं.. पंडितों की पीड़ा एवं वेदना समझे बिना उनकी माँगों को अनसुना कर उनका वेतन तक रोक दिया गया है.. क्या एक सुरक्षित एवं बेहतर जीवन की अपेक्षा हर भारतीय नागरिक का अधिकार नही है?"
घाटी में राहुल भट्ट जी की निर्मम हत्या के बाद से चल रहे कश्मीरी पंडितों के आंदोलन को अब 90 दिन बीत चुके हैं।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) August 12, 2022
पंडितों की पीड़ा एवं वेदना समझे बिना उनकी माँगों को अनसुना कर उनका वेतन तक रोक दिया गया है।
क्या एक सुरक्षित एवं बेहतर जीवन की अपेक्षा हर भारतीय नागरिक का अधिकार नही है? pic.twitter.com/qzS36Zaif2
बता दें कि वरुण गांधी पिछले कुछ महीनों से जनता के मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर रहे हैं.
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