दशहरे का त्यौहार बुराई पर सच्चाई की जीत के साथ-साथ आपसी भाईचारा और सौहार्द के साथ मनाए जाने वाले त्योहार के रूप में जाना जाता है,लेकिन दादरी कस्बे में दशहरे के इस अवसर पर निकाले गए राम जलूस में इस सामाजिक त्योहार को पूरी तरह राजनीतिक रंग दे दिया गया.
बुलडोजर की लोकप्रियता को भुनाने के लिए इस बार राम को बुलडोजर पर चढ़ाकर यात्रा निकाली गई. राम के साथ योगी के वेश में एक व्यक्ति दिखाई दे रहा था. राम के नारे लगाते हुए बुलडोजर बाबा जिंदाबाद के नारे लगाए जा रहे थे. इतना ही नहीं जुलूस में बड़ी-बड़ी तलवारों को भांजा भी जा रहा था और यह सब हो रहा था, पुलिस की भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच. पुलिस मूक दर्शक बनी नज़र आई.
दादरी के जीटी रोड पर निकाले गए इस राम जुलूस में रथ का स्थान बुलडोजर ने ले लिया. राम के साथ गेरुआ वस्त्र में योगी का स्वांग रचे एक व्यक्ति भी सवार था. उसके साथ दो व्यक्ति ब्लैक कैट कमांडो के वेश में थे. नारे लगाए जा रहे थे, बुलडोजर बाबा जिंदाबाद... यूपी लगाए एक ही नाम... बुलडोजर बाबा जय श्री राम... अयोध्या तो झांकी है मथुरा काशी बाकी है... इन नारों से ना सिर्फ इस पावन पर्व का राजनीतिकरण किया गया, बल्कि धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश भी की गई.
इतना ही नहीं, इस झांकी के साथ मां काली की झांकी भी निकाली गई जिसमें आधा दर्जन युवक बड़ी-बड़ी तलवारें भांजते हुए नजर आए. राम जुलूस में अक्सर राम-सीता, लक्ष्मण और हनुमान की झांकी निकाली जाती है, लेकिन इस जुलूस में राम को प्रतीक के रूप में रखकर सत्तारूढ़ राजनीतिक दल अपनी अलग रोटियां सेंकने में जुटा था.
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