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ग्रेटर नोएडा में दशहरा पर राम जुलूस में धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश
- Thursday October 6, 2022
- Reported by: सौरभ शुक्ला
दशहरे का त्यौहार बुराई पर सच्चाई की जीत के साथ-साथ आपसी भाईचारा और सौहार्द के साथ मनाए जाने वाले त्योहार के रूप में जाना जाता है,लेकिन दादरी कस्बे में दशहरे के इस अवसर पर निकाले गए राम जलूस में इस सामाजिक त्योहार को पूरी तरह राजनीतिक रंग दे दिया गया.
- ndtv.in
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बुलंदशहर पुलिस ने जूता दुकानदार को छोड़ा, धार्मिक उन्माद भड़काने का मामला वापस लिया
- Wednesday January 6, 2021
- Reported by: कमाल खान, Edited by: सूर्यकांत पाठक
बुलंदशहर (Bulandshahr) में फुटपाथ पर जूता बेचने वाले दुकानदार पर से पुलिस ने धार्मिक उन्माद भड़काने का मामला वापस ले लिया है और उसे थाने से छोड़ दिया है. पुलिस ने उसे बजरंग दल की इस शिकायत पर पकड़ा था कि वह कुछ ऐसे जूते बेच रहा है…जिसके सोल पर ठाकुर लिखा है. दरअसल जूता बनाना वाली कई फर्मों के नाम में “ठाकुर” शब्द लगा है…जिसकी वे अपने प्रोडक्ट पर ब्रान्डिंग करते हैं. गरीब पटरी दुकानदार को दो दिन बाद थाने से छोड़ा गया. उसका क़ुसूर सिर्फ़ यह था कि वह जो जूते बेच रहा था उनमें से कुछ पर उनकी फर्म का नाम “ठाकुर” लिखा था. उसका कहना है कि उसने संगठन के नेता को बताया कि वह तो गरीब पटरी वाला है. उसे क्या पता कि जूते के सोल पर कंपनी ने क्या लिखा है, लेकिन फिर भी उन्होंने उसे पुलिस को दे दिया.
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ग्रेटर नोएडा में दशहरा पर राम जुलूस में धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश
- Thursday October 6, 2022
- Reported by: सौरभ शुक्ला
दशहरे का त्यौहार बुराई पर सच्चाई की जीत के साथ-साथ आपसी भाईचारा और सौहार्द के साथ मनाए जाने वाले त्योहार के रूप में जाना जाता है,लेकिन दादरी कस्बे में दशहरे के इस अवसर पर निकाले गए राम जलूस में इस सामाजिक त्योहार को पूरी तरह राजनीतिक रंग दे दिया गया.
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बुलंदशहर पुलिस ने जूता दुकानदार को छोड़ा, धार्मिक उन्माद भड़काने का मामला वापस लिया
- Wednesday January 6, 2021
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बुलंदशहर (Bulandshahr) में फुटपाथ पर जूता बेचने वाले दुकानदार पर से पुलिस ने धार्मिक उन्माद भड़काने का मामला वापस ले लिया है और उसे थाने से छोड़ दिया है. पुलिस ने उसे बजरंग दल की इस शिकायत पर पकड़ा था कि वह कुछ ऐसे जूते बेच रहा है…जिसके सोल पर ठाकुर लिखा है. दरअसल जूता बनाना वाली कई फर्मों के नाम में “ठाकुर” शब्द लगा है…जिसकी वे अपने प्रोडक्ट पर ब्रान्डिंग करते हैं. गरीब पटरी दुकानदार को दो दिन बाद थाने से छोड़ा गया. उसका क़ुसूर सिर्फ़ यह था कि वह जो जूते बेच रहा था उनमें से कुछ पर उनकी फर्म का नाम “ठाकुर” लिखा था. उसका कहना है कि उसने संगठन के नेता को बताया कि वह तो गरीब पटरी वाला है. उसे क्या पता कि जूते के सोल पर कंपनी ने क्या लिखा है, लेकिन फिर भी उन्होंने उसे पुलिस को दे दिया.
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