
पूर्वोत्तर भारत के कई राज्यों में हो रही बारिश आफत बन गई है. सिक्किम, असम और मेघालय में भूस्खलन के कारण मुख्य मार्ग पूरी तरह से बंद हो गए हैं. जिसके कारण कई लोग फंस गए हैं. सिक्किम में लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण मुख्य मार्ग के बाधित हो जाने से शनिवार को उत्तर सिक्किम के विभिन्न हिस्सों में करीब 1,500 पर्यटक फंस गए. अधिकारियों ने बताया कि दूसरी ओर भारी बारिश के कारण लापता 8 पर्यटकों की तलाश में बाधा आई और तीस्ता नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद अंततः तलाश अभियान स्थगित कर दिया गया.

मंगन जिले में तीस्ता नदी में बृहस्पतिवार रात एक वाहन के गिर जाने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए, जबकि आठ अन्य लापता हैं. लाचेन-लाचुंग राजमार्ग पर मुन्सिथांग के पास यह वाहन 1,000 फुट से अधिक गहराई में नदी में गिर गया था.

मंगन के पुलिस अधीक्षक (एसपी) सोनम देचू भूटिया ने बताया कि लाचेन में 115 पर्यटक और लाचुंग में 1,350 पर्यटक फंसे हुए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण दोनों ओर से निकलने के रास्ते बंद है, इसलिए पर्यटकों को अपने होटलों में ही ठहरने की सलाह दी गई है और सड़कें पूरी तरह खुल जाने के बाद उन्हें स्थानांतरित कर दिया जाएगा.''

अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार दोपहर को बाधित हुई बिजली आपूर्ति शनिवार शाम बहाल हो गई, जबकि रविवार तक पेयजल आपूर्ति बहाल करने के प्रयास जारी हैं. उन्होंने बताया कि करीब 24 घंटे बाद अपराह्न लगभग तीन बजे मोबाइल नेटवर्क सेवाएं बहाल हो सकी.

असम में लगातार बारिश के कारण भूस्खलन होने और बाढ़ के कारण आठ लोगों की मौत हो गई. जबकि 17 जिलों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है, जिससे 78 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं.राज्य के पश्चिमी भाग में तीन जिलों में ‘रेड अलर्ट' है और आठ अन्य जिलों में ‘ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. जबकि अरुणाचल प्रदेश और मेघालय के ऊपरी इलाकों से आने वाले वर्षा जल ने राज्य में बाढ़ की स्थिति को और गंभीर कर दिया है. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने कहा कि पांच लोगों की मौत कामरूप महानगर जिले में हुई हैं.

असम और मेघालय में लगातार बाढ़ ने परिवहन को बुरी तरह से बाधित कर दिया है. क्योंकि बोको और चायगांव में राष्ट्रीय राजमार्ग 17 (NH-17) के प्रमुख हिस्से बह गए हैं, जिससे तुरा और गुवाहाटी के बीच सड़क संपर्क टूट गया है.

NH-17 का एक नया बना हिस्सा बाढ़ के पानी के दबाव में ढह गया. इस नुकसान के कारण कई ट्रक और भारी वाहन फंस गए, जबकि छोटे वाहनों को बोंगाईगांव से होकर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा.

गुवाहाटी में जलभराव होने की खबर है और कई इलाके दूसरे दिन भी जलमग्न रहे. बचावकर्मी फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं, जबकि निवासियों को अपना घर-बार छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ रहा है.

राज्य के शहरी कार्य मंत्री जयंत मल्ला बरुआ और शीर्ष अधिकारियों ने मौजूदा स्थिति समेत सरकार के आपातकालीन प्रतिक्रिया उपायों की समीक्षा करने के लिए शहर के विभिन्न हिस्सों का निरीक्षण किया.

बाढ़ के कारण गोलाघाट में दो और लखीमपुर में एक व्यक्ति समेत तीन लोगों की मौत हो गई. बाढ़ प्रभावित जिले धेमाजी, दक्षिण सलमारा, लखीमपुर, डिब्रूगढ़, गोलाघाट, दरांग, नागांव, कार्बी आंगलोंग, कामरूप, बिश्वनाथ, तिनसुकिया और कार्बी आंगलोंग पश्चिम हैं.

अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ से 58 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि बाढ़ प्रभावित 1,224 लोगों ने पांच राहत शिविरों में शरण ली है. यहां 11 अन्य राहत वितरण केंद्र भी खोले गए हैं.
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