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This Article is From Aug 05, 2024

लव जिहाद और लैंड जिहाद कानून! हिमंता की क्या-क्या तैयारी, मुस्लिम नहीं खरीद पाएंगे हिंदुओं की जमीन?

हिमंता सरमा ने कहा, "चुनावों के वक्त हमने लव जिहाद के बारे में बात की थी. आने वाले दिनों में हम एक नया कानून ला रहे हैं जिसमें लव जिहाद के मामलों में दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जाएगी."

लव जिहाद और लैंड जिहाद कानून! हिमंता की क्या-क्या तैयारी, मुस्लिम नहीं खरीद पाएंगे हिंदुओं की जमीन?
(फाइल फोटो)

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार जल्द ही लव जिहाद के खिलाफ कानून लेकर आएगी और इसमें दोषी को सजा के तौर पर आजीवन कारावास का प्रावधान होगा. इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी सरकार द्वारा लिए गए कुछ अन्य फैसलों की भी घोषणा की. सरमा ने यह घोषणा गुवाहाटी में आयोजित बीजेपी स्टेट एक्जीक्यूटिव मीटिंग में संबोधन के दौरान की. उन्होंने कहा कि देश के लोगों के हक को बचाने के लिए ये फैसले लिए गए हैं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि 2021 के चुनावों से पहले किए गए वादों को भी पूरा किया जाएगा. 

लव जिहाद पर सरमा ने कही ये बात

हिमंता सरमा ने कहा, "चुनावों के वक्त हमने लव जिहाद के बारे में बात की थी. आने वाले दिनों में हम एक नया कानून ला रहे हैं जिसमें लव जिहाद के मामलों में दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जाएगी." गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रेदेश जैसे राज्यों में 'लव जिहाद' कानून बनाए गए हैं. 

जमीन बिक्री को लेकर भी बनेंगा कानून

इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में मुसलमानों को ज़मीन की बिक्री रोकने के लिए विभिन्न उपाय भी किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि राज्य में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच भूमि लेनदेन के लिए मुख्यमंत्री की सहमति आवश्यक बनाई जाएगी. 

सीएम की सहमति से ही हो सकेगा इंटर-रिलिजियन लैंड ट्रांसफर

उन्होंने कहा, "इससे पहले इंटर-रिलिजियन लैंड ट्रांसफर सिस्टम था. हिंदू की जमीन मुस्लिम खरीदते थे और मुस्लिम की जमीन हिंदू खरीदते थे. सरकार इसे रोक नहीं सकती है लेकिन उन्होंने तय किया है कि अगर कोई हिंदू मुसलमान की जमीन खरीदता है या फिर कोई मुसलमान हिंदू की जमीन खरीदता है तो उसके लिए पहले मुख्यमंत्री की सहमति लेनी होगी"

गोवालपारा में अल्पसंख्यकों की जमीन बचाने के लिए होगा कानून

सरमा ने यह भी कहा कि राज्य सरकार असम के गोवालपारा क्षेत्र में जमीन की ब्रिकी को लेकर कुछ 'विशेष समुदाय' पर रोक भी लगाएगी. अविभाजित गोवालपारा असम का अभिन्न अंग था और इस क्षेत्र में कोच राजभोंगशी समुदाय का बहुत महत्व था. लेकिन एक विशेष समुदाय के लोग हमारे समाज के लोगों से जमीन छीनता रहा है और इस वजह से आज हम अपने ही क्षेत्र में अल्पसंख्यक हो गए हैं. उन्होंने कहा, "सरकार ने तय किया है कि अगले कुछ दिनों में वो गोवालपारा क्षेत्र में ऐसा कानून लाएगी जिसके तहत एक विशेष समुदाय जमीन नहीं खरीद पाएगा. जमीन यहां के आदिवासियों, एससी और ओबीसी लोगों के पास ही रहेगी और ये किसी के पास भी ट्रांसफर नहीं की जा सकेगी."

22 अगस्त होगा अगला विधानसभा सत्र

उन्होंने यह भी कहा कि असम की नव-वैष्णव संस्कृति के महत्वपूर्ण केंद्रों बारपेटा, माजुली और बाताद्रवा में भूमि की बिक्री भी "मूल" लोगों तक ही सीमित रहेगी. सरमा ने यह भी कहा कि सरकार ने एक लाख सरकारी नौकरियों की जो घोषणा की है, उसमें स्वदेशी युवाओं की हिस्सेदारी सबसे ज़्यादा है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एक डोमिसाइल नीति लागू करेगी, जिसके तहत असम में जन्मे लोग ही सरकारी नौकरियों के लिए पात्र होंगे. असम में अगला विधानसभा सत्र 22 अगस्त से शुरू होगा.

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