मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक जैसे बीजेपी शासित राज्यों की तर्ज पर असम में भी कई जगहों के नाम बदलने की तैयारी है. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने बुधवार को इसका ऐलान किया. उन्होंने कहा कि जल्द ही एक असम में एक पोर्टल प्रारंभ किया जाएगा. इसके जरिये पूरे असम (Assam) के उन स्थानों के नाम बदलने के लिए सुझाव मांगे जाएंगे जो कि राज्य की संस्कृति और सभ्यता को नहीं दर्शाते हैं.मुख्यमंत्री ने गुवाहाटी के दूसरे मेडिकल कॉलेज के भूमिपूजन के मौके पर सोमवार को कहा था कि गुवाहाटी में काला पहाड़ समेत कुछ जगहों का नाम बदला जाएगा. हालांकि किन जगहों के नाम बदले जाएंगे या सरकार खुद क्या नामों को लेकर सुझाव देगी, इसका अभी पता नहीं चला है.
मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, 'नाम में बहुत कुछ है. किसी शहर, कस्बे या गांव के नाम में उसकी संस्कृति, परंपरा और सभ्यता की झलक मिलनी चाहिए. हम पूरे असम में ऐसी जगहों के नाम बदलने को लेकर सुझाव आमंत्रित करने के लिए एक पोर्टल की शुरुआत करेंगे जोकि हमारी सभ्यता, संस्कृति के विपरीत है और किसी भी जाति या समुदाय के लिए अपमानजनक है.' हालांकि ट्विटर पर कई लोगों ने जगहों के नाम बदलने की आवश्यकता पर सवाल उठाया और सरकार को राज्य में सड़कों और बेहतर बुनियादी ढांचे के निर्माण जैसे कामों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया.
इससे पहले मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और कई अन्य बीजेपी शासित राज्यों में कई बड़ी जगहों के नाम बदले गए हैं. इनमें मध्य प्रदेश में हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर गोंड रानी कमलापति स्टेशन हो गया है. इससे पहले पातलपानी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर टंट्या मामा रेलवे स्टेशन किया गया था. यूपी में भी इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया गया है. फैजाबाद जंक्शन स्टेशन का नाम बदलकर अयोध्या कैंट किया गया है. फैजाबाद जिला औऱ मंडल का नाम भी बदलकर अय़ोध्या कर दिया गया है. आगरा जैसे कई अन्य शहरों के नाम बदलने को लेकर मांग भी उठ रही है.
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