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अशोका मिशन ने लगाया अवेयरनेस कैंप, AIIMS के डॉक्टरों ने बताया कैंसर से कैसे करें बचाव

डॉक्टर्स ने बताया कि कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका जड़ से इलाज किया जा सकता है. इसलिए बिना भय के इसके बारे में बात करना चाहिए और इलाज कराना चाहिए.

अशोका मिशन ने लगाया अवेयरनेस कैंप, AIIMS के डॉक्टरों ने बताया कैंसर से कैसे करें बचाव
नई दिल्ली:

अशोका मिशन के अध्यक्ष रहे लामा लोबजांग की पहली पुण्यतिथि के मौके पर रविवार, 16 मार्च को दिल्ली में कैंसर को लेकर जागरूकता अभियान चलाया गया, जिसमें एम्स के डॉक्टरों ने लोगों की स्क्रीनिंग की. दिल्ली में अशोका मिशन के कैंपस में चलाये गए अवेयरनेस प्रोग्राम में दिल्ली में रह रहे लद्दाख के लोगों की स्क्रीनिंग की गई. इस दौरान डॉक्टरों ने लोगों से बात की और उन्हें कैंसर को लेकर सलाह दी.

अपने हाथ में कैंसर से 70 से 80% बचाव के उपाय - डॉक्टर्स 

इससे पहले एम्स के डॉक्टरों ने कैंसर के बारे में लोगों को बताया. उन्होंने कैंसर के प्रकार, 
कारण, लक्षण, जांच और इलाज के बारे में बात की. डॉ. अतुल बत्रा ने कहा, "दुनिया भर में हर साल कैंसर के करोड़ों में नये मामले मिलते हैं. इसमें से सबसे ज्यादा केस ब्रेस्ट कैंसर के होते हैं. हर साल 2 लाख नये मामले ब्रेस्ट कैंसर के सामने आ रहे हैं, जिसमें से 90000 से 1 लाख मरीजों की हर साल मौत हो जाती है. अब 17 से 18 साल की उम्र में भी ब्रेस्ट कैंसर के मरीज मिल रहे हैं. ऐसे में लोगों को जांच से भागने की बजाय तुरंत इलाज पर ध्यान देना चाहिए."

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डॉ. (प्रो) एम डी रे ने कैंसर के कारणों के बारे में बताया. उन्होंने कहा, "30 से 40 प्रतिशत कैंसर तम्बाकू की वजह से होता है, 30 से 40 प्रतिशत लाइफस्टाइल और 10 से 20 फीसदी जेनिटिक कारणों से होता है. मतलब 70 से 80 फीसदी कैंसर का बचाव अपने हाथ में है."

डॉ. पल्लवी शुक्ला ने ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर के बचाव के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि आज सबसे अधिक मामले ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल के हैं और भगवान की दया से दोनों का इलाज है. ऐसे में लोगों को तुरंत टेस्ट कराकर  इलाज करना चाहिए. सर्वाइकल कैंसर की जो वैक्सीन होती है, उसको भी लगवाना चाहिए."

डॉक्टर्स ने बताया कि कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका जड़ से इलाज किया जा सकता है. इसलिए बिना भय के इसके बारे में बात करना चाहिए और इलाज कराना चाहिए. उन्होंने अशोका मिशन की भी प्रशंसा की, पिछले तीन से चार दशकों से स्वास्थ्य के क्षेत्र में निस्वार्थ भाव से कम कर रहा है.

क्या है अशोक मिशन?

वहीं अशोक मिशन के महासचिव ताशी मोटुप काऊ ने फाउंडेशन के बारे में बताया. उन्होंने कहा, "अशोक मिशन एक फाउंडेशन है और हम पिछले 20 से 30 साल से मेडिकल इनीशिएटिव पर काम कर रहे हैं. जिसके तहत हम पूरे लद्दाख में एम्स के 20 से 30 डॉक्टर को ले जाकर कैंप करते हैं और वहां जितना होता है लोगों का इलाज कराते हैं. हम उनको वहां डायग्नोज करते हैं और फिर दिल्ली लाकर उनका इलाज करते हैं. जो लोग दूर दराज के हैं वह दिल्ली में आने से घबराते हैं, कहते हैं वहां जाकर क्या करेंगे. ऐसे में हमने उन तमाम लोगों का, जो कैंसर या किसी अन्य बीमारी से ग्रसित हैं और उसका इलाज अफोर्ड नहीं कर सकते, उनके लिए यहां रहने और खाने की व्यवस्था की है. उनके लिए जिस तरीके से कंटेनर या पोटा केबिन की जरूरत होती है वह सभी चीज यहां उपलब्ध है. फिर चाहे वह एक महीना रहें या 6 महीने रहें."

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अशोक मिशन ने इस कार्यक्रम का आयोजन डॉ बी आर अंबेडकर रोटरी कैंसर हॉस्पिटल और एम्स दिल्ली के सहयोग से किया था. इसमें एम्स के डॉक्टरों ने कैंसर के विभिन्न पहलुओं पर बात की.

दुनिया में 20 मिलियन कैंसर के मरीज 

डब्लूएचओ के अनुसार साल 2022 में दुनिया भर में 20 मिलियन कैंसर के नए मामले सामने आए थे और 9.7 मिलियन से अधिक लोगों की मौत हुई थी. इसमें भारत में पहचान किए गए 14.1 लाख से अधिक कैंसर के नए मामले भी शामिल हैं, जिसमें से बीमारी के कारण 9.1 लाख से अधिक लोगों की जान चली गई. ऐसे में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की जागरूकता के लिए इस प्रकार के और कैंपेन चलाने चाहिए.

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