कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल (K C Venugopal) ने बुधवार को कहा कि पार्टी ने अपनी राजस्थान इकाई के तीन नेताओं को क्लीन चिट नहीं दी है, जिन्हें 25 सितंबर को समानांतर सीएलपी बैठक (CLP Meeting) आयोजित करने के लिए नोटिस दिया गया था. वेणुगोपाल ने कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' में शामिल होने के लिए सवाई माधोपुर रवाना होने से पहले जयपुर एयरपोर्ट पर संवाददाताओं से कहा कि यह मामला अनुशासन समिति के पास विचाराधीन है.
दरअसल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot ) के पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के अपने फैसले की घोषणा के बाद कांग्रेस ने 25 सितंबर को जयपुर में कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक बुलाई थी. इस बीच ऐसे अटकलें लगने लगी कि अगर गहलोत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते हैं, तो सचिन पायलट को राजस्थान में उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी के तौर पर लाया जा सकता है.
इसके बाद गहलोत के वफादार माने जाने वाले कुछ विधायकों ने राज्य मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक के समानंतर एक अलग बैठक की और अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया.
इस मामले में कांग्रेस पार्टी ने शांति धारीवाल, विधायक धर्मेंद्र राठौड़ और राज्य विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक महेश जोशी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. वहीं, अशोक गहलोत पर कोई एक्शन नहीं लेकर एक तरह से उन्हें क्लीन चिट दे दी गई थी.
कांग्रेस द्वारा तीन बागी नेताओं को क्लीन चिट देने का दावा करने वाली एक स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर वेणुगोपाल ने कहा, "मामला अनुशासन समिति के पास विचाराधीन है. किसी को कोई क्लीन चिट नहीं दी गई है. तीनों नेताओं ने कारण बताओ नोटिस का जवाब पहले ही दे दिया है."
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