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This Article is From Apr 28, 2024

अरविंदर सिंह लवली ने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा

Arvinder Singh Lovely Resigns : अरविंदर सिंह लवली ने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्‍होंने इसके पीछे का कारण आम आदमी पार्टी से हुए गठबंधन को बताया है.

अरविंदर सिंह लवली ने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा
rvinder Singh Lovely: दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे...
नई दिल्‍ली:

लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी को दिल्‍ली में बड़ा झटका लगा है. अरविंदर सिंह लवली ने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्‍होंने इसके पीछे का कारण आम आदमी पार्टी से हुए गठबंधन को बताया है. लवली का कहना है आम आदमी पार्टी कांग्रेस पर आरोप लगाकर बनी थी, फिर उससे गठबंधन कैसे हो सकता है? अरविंदर सिंह लवली इस्‍तीफा देते हुए लिखा, "दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के एकमात्र आधार पर बनी थी. इसके बावजूद, पार्टी ने दिल्ली में आप के साथ गठबंधन करने का फैसला किया." 

"मुझे कोई भी वरिष्ठ नियुक्ति करने की अनुमति नहीं दी"

अरविंदर सिंह लवली को अगस्त 2023 में दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया था. लवली ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे अपने पत्र में कहा कि दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा लिए गए सभी सर्वसम्मत निर्णयों को एआईसीसी महासचिव (दिल्ली प्रभारी) ने एकतरफा वीटो कर दिया है. उन्‍होंने लिखा, "डीपीसीसी अध्यक्ष के रूप में मेरी नियुक्ति के बाद से, एआईसीसी महासचिव (दिल्ली प्रभारी) ने मुझे डीपीसीसी में कोई भी वरिष्ठ नियुक्ति करने की अनुमति नहीं दी है. डीपीसीसी के मीडिया प्रमुख के रूप में एक अनुभवी नेता की नियुक्ति के मेरे अनुरोध को स्पष्ट रूप से अस्वीकार कर दिया गया था. आज, एआईसीसी महासचिव (दिल्ली प्रभारी) ने डीपीसीसी को शहर में सभी ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति करने की अनुमति नहीं दी है, जिसके परिणामस्वरूप दिल्ली में 150 से अधिक ब्लॉकों में वर्तमान में कोई ब्लॉक अध्यक्ष नहीं है." 

दिल्ली कांग्रेस इकाई AAP से गठबंधन के खिलाफ...

इसके अलावा, उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी द्वारा कांग्रेस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के बावजूद, पार्टी ने उनके साथ गठबंधन (इंडिया ब्लॉक) किया. उन्‍होंने लिखा, "दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के एकमात्र आधार पर बनी थी और जिसके आधे कैबिनेट मंत्री वर्तमान में भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में हैं. इसके बावजूद, पार्टी ने दिल्ली में आप के साथ गठबंधन करने का फैसला किया." उन्‍होंने कहा, "हमने पार्टी के अंतिम निर्णय का सम्मान किया... न केवल मैंने सार्वजनिक रूप से निर्णय का समर्थन किया, बल्कि मैंने यह भी सुनिश्चित किया कि पूरी राज्य इकाई हाईकमान के अंतिम आदेश के अनुरूप हो. एआईसीसी महासचिव (संगठन) के निर्देश पर, मैं इस मामले में स्थिति के खिलाफ होने के बावजूद गिरफ्तारी की रात सुभाष चोपड़ा और संदीप दीक्षित के साथ केजरीवाल के आवास गया."

...इसलिए नहीं हुआ था कांग्रेस-AAP गठबंधन

पूर्व डीपीसीसी अध्यक्ष ने यह भी बताया कि गठबंधन के अनुसार, दिल्ली कांग्रेस को वर्तमान आम चुनाव लड़ने के लिए तीन संसदीय सीटें आवंटित की गई हैं. उन्होंने दिल्ली के सीएम की झूठी प्रशंसा करने और शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और बिजली क्षेत्र में आम आदमी पार्टी द्वारा किए गए कार्यों का समर्थन करने के लिए उत्तर-पूर्वी दिल्ली के उम्मीदवार (कन्हैया कुमार) द्वारा की गई टिप्पणियों पर भी प्रकाश डाला. उन्‍होंने कहा, "इस तरह के गलत विचार और तथ्यात्मक रूप से गलत बयान स्थानीय पार्टी इकाई को पसंद नहीं आए, क्योंकि स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं को यह अंतर्निहित समझ थी कि गठबंधन दिल्ली के विकास के आप के झूठे प्रचार की सराहना के लिए नहीं किया गया था और वास्तव में ऐसा था" उन्होंने कहा, "एक समझौता (राष्ट्रीय गठबंधन के हिस्से के रूप में) पार्टी की जीत की संभावनाओं को बेहतर बनाने के लिए था."

लवली ने कहा कि चूंकि वह पार्टी कार्यकर्ताओं के हितों की रक्षा नहीं कर सकते, इसलिए उन्हें उक्त पद पर बने रहने का कोई कारण नजर नहीं आता.

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