अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ( AAP) के लिए इन दिनों एक नई मुसीबत है. वह यह कि उसके नाम से मिलती-जुलती पार्टी का पंजीकरण निर्वाचन आयोग में हुआ है. पार्टी ने इस पंजीकरण को रद्द करने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. जिस पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने आम आदमी पार्टी की याचिका पर निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा. पार्टी ने ‘आपकी अपनी पार्टी (पीपुल्स)’ के एक राजनीतिक पार्टी के तौर पर पंजीकरण रद्द करने की मांग की है. कहा है कि निर्वाचन आयोग ने उसकी आपत्ति खारिज कर दी.
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल ने आयोग को नोटिस जारी किया और नवगठित आपकी अपनी पार्टी (पीपुल्स) के पंजीकरण को लेकर जवाब-तलब किया है. दरअसल आम आदमी पार्टी की आपत्ति यह है कि नई पंजीकृत पार्टी का संक्षिप्त नाम भी आप ही है. समान नाम होने से मतदाता दिग्भ्रमित हो सकते हैं.वकील अनुपमा श्रीवास्तव के जरिये दायर याचिका में दावा किया गया है कि नयी पार्टी का नाम भी AAP के नाम से मिलता-जुलता है और इससे मतदाता दिग्भ्रमित हो सकते हैं.
आप ने आयोग के 16 जुलाई के उस आदेश को निरस्त करने का अनुरोध किया है जिसमें उसने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत बतौर राजनीतिक पार्टी आपकी अपनी पार्टी (पीपुल्स) के पंजीकरण पर आप की आपत्ति खारिज कर दी थी. इस मामले की अगली सुनवाई नवंबर में होगी. इससे पहले निर्वाचन आयोग को दिल्ली हाईकोर्ट के नोटिस पर अपना जवाब दाखिल करना होगा. (इनपुट -भाषा से)
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