
- महाराष्ट्र सरकार की लाडकी बहिन योजना में लाखों फर्जी आवेदन किए गए और अब इस पर सवाल उठ रहे हैं
- विपक्षी दल की नेता सुप्रिया सुले ने योजना की जांच के लिए श्वेत पत्र और CAG रिपोर्ट जारी करने की मांग की है
- सुप्रिया सुले ने कहा कि योजना को बंद करना समाधान नहीं, बल्कि सुधारात्मक उपाय जरूरी हैं
महाराष्ट्र में महिलाओं को आर्थिक मदद देने वाली लाडकी बहिन योजना को लेकर अब सरकार सवालों के घेरे में है. इस योजना में लाखों फर्जी आवेदन किए गए हैं और अब तक करोड़ों रुपये इन खातों में डाले गए हैं. इसे लेकर विपक्षी दल भी अब लगातार फडणवीस सरकार को घेर रहे हैं. एनसीपी (शरद पवार गुट) की नेता सुप्रिया सुले ने इसे लेकर डिप्टी सीएम अजित पवार पर हमला बोला है और श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है.
सुप्रिया सुले ने उठाए सवाल
सुप्रिया सुले ने कहा कि योजना को बंद करना समाधान नहीं है, इसे लेकर सुधारात्मक उपायों की आवश्यकता है. उन्होंने कहा, आप लोग मुझसे पिछले एक साल से मुलाकात कर रहे हैं, मैं हमेशा से कह रही हूं कि राज्य की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और लाडकी बहिन योजना में 25 से 26 लाख लाभार्थियों ने फर्जी तरीके से फायदा लिया है.
श्वेत पत्र और CAG रिपोर्ट की मांग
सुप्रिया सुले ने कहा, मुझे बस सरकार से दो सवाल पूछने हैं. आपने किस आधार पर फॉर्म भरकर लिए? दूसरा सवाल ये है कि किस आधार पर फार्म कैंसिल किए गए? राज्य के मुख्यमंत्री से हमारी विनती है कि इस पर CAG रिपोर्ट पेश की जाए और श्वेत पत्र निकाला जाए. इसे लेकर एक मेगा इंक्वारी होनी चाहिए, अगर नहीं हुई तो हमें दिल्ली जाना पड़ेगा. लाडकी बहिन योजना में 4800 करोड रुपए का जो घोटाला हुआ उसकी जांच हो.
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कोर्ट जाने की धमकी
सुप्रिया सुले ने साफ किया कि अगर जांच नहीं हुई तो वो कोर्ट जाएंगीं. उन्होंने कहा, भुजबल साहब ने कहा कि जिन्होंने गलती की उन पर एक्शन होना चाहिए, लेकिन कौन हैं ये लोग? आप कहते थे पुरानी सरकारों से लीकेज होते थे, आपने जब योजना को लेकर डॉक्यूमेंट मांगे तो उनकी केवाईसी चेक नहीं की. मैं सुप्रिया सुले खुद इस मामले में पीआईएल दाखिल करूंगी, सरकार को जवाब देना होगा.
सरकार कर रही बचाव
इस मामले पर घिरती हुई फडणवीस सरकार अब डैमेज कंट्रोल मोड में है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि लाडकी बहिन योजना में हुई गड़बड़ियों की जांच हो रही है. कुछ लोग हैं जो गलत लाभ ले रहे हैं, उनका लाभ रोका जाएगा. वहीं
महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने बताया है कि योजना के तहत 26 लाख लाभार्थी जांच के घेरे में हैं और सरकार इनके खिलाफ एक्शन लेगी.
मिलता रहेगा योजना का लाभ
मंत्री अदिति तटकरे ने अपनी पोस्ट में लिखा, 'मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना के लगभग 26 लाख लाभार्थी प्रारंभिक जांच में योजना के मानदंडों को पूरा नहीं करते पाए गए हैं. इन 26 लाख लाभार्थियों के दावों की पुष्टि के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग की तरफ से जिला स्तर पर भौतिक सत्यापन और जांच की प्रक्रिया शुरू की गई है. इस जांच का मुख्य उद्देश्य यह निर्धारित करना है कि ये लाभार्थी वास्तव में योजना के लिए पात्र हैं या नहीं. जांच में जो लाभार्थी अपात्र पाए जाएंगे, उनके खिलाफ मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों के मार्गदर्शन में उचित कार्रवाई की जाएगी. मंत्री ने ये भी साफ किया कि योजना को बंद नहीं किया जा रहा है और इसका लाभ पहले की तरह मिलता रहेगा.
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