संदेशखाली में यौन उत्पीड़न के आरोपों में घिरे शाहजहां शेख को टीएमसी से 6 साल के लिए सस्पेंड कर दिया गया है. ये जानकारी पार्टी के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने दी है. इससे पहले शाहजहां शेख को आज तड़के गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उसे 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.
पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के नेतृत्व में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन और कई दिनों तक चले सियासी संग्राम के बाद 55 दिनों से फरार शाहजहां शेख को गिरफ्तार किया गया था. शेख पर यौन उत्पीड़न एवं जमीन हड़पने का आरोप है.
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा था कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) या पश्चिम बंगाल पुलिस शेख को गिरफ्तार कर सकती है. इसके 24 घंटे के भीतर ही शेख को हिरासत में ले लिया गया.
तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि अदालत के निर्देश के बाद ही गिरफ्तारी संभव हुई, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे पूर्व नियोजित करार दिया है.
तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ‘‘कानूनी उलझन के कारण शुरुआत में उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी. हालांकि, अदालत द्वारा यह स्पष्ट किए जाने के बाद कि उसकी गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं है, पश्चिम बंगाल पुलिस ने अपना काम किया. विपक्ष ने उसकी गिरफ्तारी पर लगी ‘रोक' का फायदा उठाया.''
उन्होंने कहा, ‘‘हमने कहा था कि शेख को सात दिन में गिरफ्तार कर लिया जाएगा, क्योंकि हमें राज्य पुलिस की क्षमता पर भरोसा था.''
वहीं भाजपा ने दावा किया कि पुलिस को उनके आंदोलन के कारण शेख को गिरफ्तार करने के लिए मजबूर होना पड़ा.
पुलिस ने बताया कि शेख को कथित राशन घोटाला मामले में पांच जनवरी को उसके घर पर छापेमारी के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हमले के संबंध में नजात थाने में दर्ज दो मामलों में गिरफ्तार किया गया है.
उसने बताया कि उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 147 (दंगा करना), 148 (घातक हथियार से लैस होकर दंगा करना), 149 (गैरकानूनी सभा), 307 (हत्या का प्रयास), 333 (लोक सेवक को जान-बूझकर गंभीर चोट पहुंचाना) और 392 (डकैती) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
इससे पहले शेख के करीबी सहयोगी शिवप्रसाद हाजरा और उत्तम सरदार को गिरफ्तार किया जा चुका है. इसके अलावा, उसके एक अन्य सहयोगी अजीत मैती को भी जमीन हड़पने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
पुलिस ने बताया कि ज्यादातर शिकायतकर्ताओं ने दावा किया कि शाहजहां ने लोगों की जमीन पर कब्जा कर लिया और इलाके की महिलाओं पर अत्याचार किया.
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखालि में पांच जनवरी को लगभग एक हजार लोगों की भीड़ ने ईडी के अधिकारियों पर उस वक्त हमला कर दिया था, जब वे राज्य में कथित राशन वितरण घोटाले की जांच के सिलसिले में शेख के परिसर पर छापेमारी के लिए गये थे.
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