![संदेशखाली केस : शाहजहां की गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं- कलकत्ता हाईकोर्ट ने TMC के बयान पर किया साफ संदेशखाली केस : शाहजहां की गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं- कलकत्ता हाईकोर्ट ने TMC के बयान पर किया साफ](https://c.ndtvimg.com/2024-02/s9c0a5r4_sheikh-shahjahan_640x480_18_February_24.jpg?downsize=773:435)
कलकत्ता हाईकोर्ट ( Calcutta High Court) ने स्पष्ट किया कि संदेशखाली (Sandeshkhali ) में अत्याचार करने के आरोपी तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख (Sheikh Shahjahan) की गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं लगाई गई है. संदेशखालि के आरोपी शाहजहां शेख, ईडी, सीबीआई एवं राज्य गृह सचिव को स्वत: संज्ञान मामले में पक्षकार के रूप में शामिल करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा कि हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं है. एफआईआर में बतौर आरोपी उनका नाम है तो जाहिर तौर पर उन्हें गिरफ्तार करने की जरूरत है. अदालत का स्पष्टीकरण तब आया है जब तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने रविवार रात एक आश्चर्यजनक दावा किया कि बंगाल सरकार शाहजहां को गिरफ्तार करने में असमर्थ है क्योंकि कोर्ट ने "पुलिस के हाथ बांध रखे हैं."
विपक्षी बीजेपी द्वारा अदालत की अवमानना को लेकर घेरे जाने पर अभिषक बनर्जी ने हाईकोर्ट पर ही संदेशखाली की जांच में देरी का आरोप लगा दिया. उन्होंने कहा कि ईडी की टीम पर 5 जनवरी को हुए हमले को लेकर एसआईटी जांच पर कोर्ट ने रोक लगा रखी है. अब इस मामले में हाईकोर्ट ने कहा कि एसआईटी के गठन पर रोक है, शाहजहां शेख की गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं है.
मुख्य न्यायाधीश टीएस. शिवगणनम की अगुवाई वाली खंडपीठ ने निर्देश दिया कि उच्च न्यायालय रजिस्ट्री द्वारा समाचार पत्रों में एक सार्वजनिक नोटिस दिया जाए जिसमें यह कहा गया हो कि शेख को मामले में पक्षकार बनाया गया है, क्योंकि वह फरार हैं और उन्हें पांच जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय पर भीड़ के हमले के बाद से सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है.
अदालत द्वारा नियुक्त न्याय मित्र ने यह स्पष्ट किए जाने का अनुरोध किया था कि क्या शेख की गिरफ्तारी पर रोक का पुलिस को कोई आदेश दिया गया है, इसके जवाब में खंडपीठ ने कहा कि ऐसी कोई रोक नहीं है और पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर सकती है.
अदालत ने कहा कि एक अलग मामले में उसने केवल सीबीआई और राज्य पुलिस के उस संयुक्त विशेष जांच दल के गठन पर रोक लगाई थी, जिसे एकल पीठ ने ईडी अधिकारियों पर हमले की जांच करने का आदेश दिया था. न्यायमूर्ति हिरणमय भट्टाचार्य भी इस खंडपीठ में शामिल हैं. खंडपीठ ने निर्देश दिया कि मामले पर चार मार्च को फिर से सुनवाई की जाएगी.
(इनपुट्स भाषा से भी)
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