पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले का संदेशखाली इन दिनों काफी चर्चा में है. संदेशखाली की महिलाओं ने टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उसके समर्थकों पर जबरदस्ती जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था. 5 जनवरी को राशन घोटाले के सिलसिले में शाहजहां के परिसर पर छापा मारने गए ED अधिकारियों पर कथित तौर पर भीड़ ने हमला कर दिया था, जिसके बाद से शाहजहां फरार हैं. इस मामले को लेकर टीएमसी और भाजपा भी एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. भाजपा जहां शाहजहां शेख को बचाने का आरोपी टीएमसी पर लगा रही है तो वहीं TMC भाजपा पर अशांत संदेशखाली में स्थिति को बिगाड़ने की कोशिश का आरोप लगा रही है.
इस मामले में आरोपी टीएमसी नेता शाहजहां शेख पर तीन लोगों की हत्या का भी आरोप है. तीन हत्याओं के इन मामलों में एफआईआर में तो शाहजहां शेख का नाम है, लेकिन जब चार्जशीट फाइल की गई थी, वो उनके खिलाफ थी, जिनके नाम एफआईआर में थे ही नहीं.
पहला मामला :
देवदास मंडल नाम के एक युवक का 8 जून 2019 को अपहरण होता है. मंडल की पत्नी अगले दिन अपहरण की एफआईआर दर्ज कराती है. कुछ दिन बाद कई टुकड़ो में एक शव मिलता है. DNA प्रोफाइलिंग से पता चलता है कि ये शव देवदास मंडल का है. इस मामले में आरोपी नंबर एक शेख शाहजहां और उसके गुर्गे हैं. लेकिन चार्जशीट फाइल की गई तो उसमें शेख शाहजहां को आरोपी नहीं बनाया गया और जिनके नाम एफआईआर में नहीं थे उनको आरोपी बनाया दिया गया. एफआईआर में जो 23 लोग नामजद थे, उनके खिलाफ चार्जशीट नहीं हुई. चार्जशीट भी पुलिस ने मर्डर के तीन साल बाद दाखिल की थी.
दूसरा मामला :
8 जून 2019 को ही प्रदीप मंडलर और सुकांता मंडल का मर्डर होता है. दोनों अपनी गारमेंट कपड़ों की दुकान पर थे. तभी वहां शेख शाहजहां और उसके गुर्गे आते हैं. प्रदीप मंडल को प्वाइंट ब्लेंक की रेंज से सिर के पिछले हिस्से में गोली मारी जाती है. उसकी मौके पर ही मौत हो जाती है. उसकी दोनों आंखें बाहर निकल जाती है. सुकांता मंडल को भी प्वाइंट ब्लैक रेंज से गोली मारकर मार डाला गया. इस मामले में भी जिनका नाम एफआईआर में है, उनके खिलाफ चार्जशीट नहीं दाखिल की गई है. जिनका नाम एफआईआर में नहीं है उन्हें चार्जशीट में आरोपी बनाया गया है. इस डबल मर्डर केस में पांच लोग अभी भी फरार हैं, लेकिन कोर्ट से उनके खिलाफ वारंट जारी नहीं करवाए गए हैं.
खास बात यह है कि इस एफआईआर में भी मुख्य आरोपी शेख शाहजहां ही है, लेकिन अगर आप एफआईआर की कॉपी देखेंगे तो उसमें शेख शाहजहां के नाम को ब्लैक पेंट से हटाने की कोशिश की गई है.
प्रदीप, सुकांता और देवदास मंडल तीनों ही बीजेपी के कार्यकर्ता थे और तीनों अनसूचित जाति से थे. शिकायत के मुताबिक 2019 में जब बीजेपी की लोकसभा में सरकार बनी तो संदेशखाली में बीजेपी के कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई क्योंकि ये लोग चुनाव में बढ़-चढ़कर बीजेपी का चुनाव प्रचार कर रहे थे.
आरोप है कि शाहजहां शेख टीएमसी का बाहुबली नेता था और अभिषेक बनर्जी का करीबी था. आरोप है कि इसलिए तीन-तीन हत्याओं में नामजाद एफआईआर होने के बावजूद उसे कभी गिरफ्तार नहीं किया गया.
बिजली विभाग के अधिकारियों से भी मारपीट
वहीं, बिजली विभाग के अधिकारियों के साथ मारपीट के मामले में भी मुख्य आरोपी है और उसके खिलाफ कोर्ट से वारंट भी निकला हुआ है लेकिन इस मामले में भी आजतक उसकी गिरफ्तारी नहीं की गई. आरोप है कि शेख शाहजहां ने बिजली विभाग के अधिकारियों को पहले उनके दफ्तर में जाकर पीटा और फिर अपने आफिस में बुलाकर भी बुरी तरह से मारा पीटा.
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