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This Article is From Mar 08, 2024

मणिपुर : सुरक्षाबलों ने अगवा सैन्‍य अधिकारी को 10 घंटे के बाद कराया मुक्त

मणिपुर में भारतीय सेना ने आज सुबह अपहृत किए गए अपने जेसीओ नायब सूबेदार कोनसम खेड़ा सिंह को मुक्‍त करा लिया है.

मणिपुर में एक जेसीओ का आज सुबह उनके घर से अपहरण कर लिया गया था. (प्रतीकात्‍मक)

Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
मणिपुर के थौबल में सेना के एक अधिकारी का घर से अपहरण
सेना के जेसीओ कोनसम खेड़ा सिंह का उनके घर से अपहरण
मणिपुर में मई 2023 में हिंसा शुरू होने के बाद से यह चौथी घटना
इंफाल :

मणिपुर (Manipur) में एक सेना के अधिकारी का उनके घर से आज सुबह अपहरण (Army Officer Kidnapped) कर लिया गया था. हालांकि करीब दस घंटे बाद भारतीय सेना ने उन्‍हें मुक्‍त करा लिया है. सेना ने एक बयान में यह जानकारी दी है. राज्य के थोउबल जिले के चारंगपत ममांग लीकाई के निवासी जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) नायब सूबेदार कोनसम खेड़ा सिंह छुट्टी पर थे. आज सुबह 9 बजे अज्ञात लोगों ने उनके घर से एक वाहन में अपहरण कर लिया था. सेना ने बयान में कहा, "सेना की टुकड़ियों ने जेसीओ को बचाने के लिए सुरक्षा एजेंसियों के साथ एक संयुक्त तलाशी अभियान चलाया था."

इसमें कहा गया, "सुरक्षाबलों के समन्वित प्रयासों के परिणामस्वरूप आज शाम 6:30 बजे जेसीओ को सुरक्षित बचा लिया गया. जेसीओ वर्तमान में थोउबल जिले के वाइखोंग पुलिस स्टेशन (काकचिंग के पास) में है. मणिपुर पुलिस घटना की जांच कर रही है."

एक्स पर एक पोस्ट में, नागालैंड, मणिपुर और दक्षिणी अरुणाचल प्रदेश के लिए रक्षा मंत्रालय के जनसंपर्क अधिकारी ने कहा, "भारतीय सेना ने आज सुबह अपहृत किए गए अपने जेसीओ नायब सूबेदार कोनसम खेड़ा सिंह, चारंगपत ममांग लीकाई, थोउबल, मणिपुर को बचा लिया. वह छुट्टी पर थे. मणिपुर पुलिस मामले की जांच कर रही है."

मई 2023 के बाद ऐसी चौथी घटना 

मणिपुर में मई 2023 में जातीय हिंसा शुरू होने के बाद से सेना के जवान का अपहरण राज्य में ऐसी चौथी घटना थी. 

असम रेजिमेंट के एक पूर्व सैनिक सर्टो थांगथांग कोम का सितंबर 2023 में अज्ञात सशस्त्र समूह ने अपहरण कर लिया था और उनकी हत्‍या कर दी गई थी. वह मणिपुर के लीमाखोंग में डिफेंस सर्विस कोर (डीएससी) में तैनात थे. 

उस घटना के दो महीने बाद अज्ञात सशस्त्र समूह ने चार लोगों का उस वक्‍त अपहरण कर लिया गया था, जब वे पहाड़ी जिले चुराचांदपुर से लीमाखोंग तक एक एसयूवी में यात्रा कर रहे थे. उनकी हत्या कर दी गई थी. चारों जम्मू-कश्मीर में सेवारत भारतीय सेना के एक जवान के परिवार के सदस्य थे. इस दौरान सैनिक के पिता भागने में सफल रहे थे. वह घायल थे और बाद में सेना द्वारा उन्‍हें इलाज के लिए दीमापुर ले जाया गया था. आखिर में उन्‍हें असम के गुवाहाटी स्थित बेस अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया. 

27 फरवरी को एडिशनल एसपी का अपहरण 

एक अन्य मामले में 27 फरवरी को इंफाल शहर से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक का अपहरण कर लिया गया था. इस मामले में हमलावरों की पहचान पुलिस द्वारा अरामबाई तेंगगोल के रूप में की गई थी. इस घटना के बाद मणिपुर पुलिस कमांडो ने इंफाल और अन्य इलाकों में प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन किया था. 

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