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सेना ने अपनी ईंधन सप्लाई में बायो-डीजल शामिल किया, ग्रीन लॉजिस्टिक्स की दिशा में बड़ा कदम

वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ ने बीपीसीएल के सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि सेना की जरूरतों को देखते हुए पर्यावरण-अनुकूल ईंधन अपनाने से देश के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों को बड़ी मदद मिलेगी.

सेना ने अपनी ईंधन सप्लाई में बायो-डीजल शामिल किया, ग्रीन लॉजिस्टिक्स की दिशा में बड़ा कदम
  • भारतीय सेना ने स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए अपनी ईंधन आपूर्ति में बायो-डीजल को शामिल किया है
  • वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ ने दिल्ली में बायो-डीजल कंसाइनमेंट लॉन्च किया और कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे
  • यह पहल राष्ट्रीय बायोफ्यूल नीति के अनुरूप है और इससे सेना का कार्बन उत्सर्जन कम होगा तथा ऊर्जा सुरक्षा बढ़ेगी
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नई दिल्ली:

स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सेना ने अपनी ईंधन आपूर्ति श्रृंखला में बायो-डीजल को शामिल कर दिया. सरकार की ग्रीन पहल का समर्थन की दिशा में यह एक बड़ा कदम हैं . नई दिल्ली में हुए समारोह में वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल पुष्पेन्द्र पाल सिंह ने पहला बायो-डीजल कंसाइनमेंट लांच   किया. इस दौरान सेना के वरिष्ठ अधिकारी और बीपीसीएल  के मार्केटिंग शुभंकर सेन भी मौजूद रहे. यह कार्यक्रम आर्मी सर्विस कॉर्प्स के 265वें कोर दिवस पर आयोजित किया गया.

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इस पहल से सेना पर्यावरण-अनुकूल ईंधन की ओर बढ़ रही है, जिससे कार्बन उत्सर्जन कम होगा और ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी. आपको बता दे कि बायो-डीजल की शुरुआत राष्ट्रीय बायोफ्यूल नीति के हिसाब से ही है. इससे पहले सेना ने 1 दिसंबर 2025 से E-20 पेट्रोल का उपयोग शुरू कर दिया है, जो ग्रीन मोबिलिटी की दिशा में एक और कदम है.

वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ ने बीपीसीएल के सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि सेना की जरूरतों को देखते हुए पर्यावरण-अनुकूल ईंधन अपनाने से देश के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों को बड़ी मदद मिलेगी.

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बायो डीजल एक ऐसा डीजल इंजन है जो वनस्पति तेलों या पशु वसा या फिर रिसाइकल खाना पकाने के तेल जैसे प्रकृति स्रोतों से बनाया जाता है . भारत सरकार ने 2030 तक पांच फीसदी जैव ईंधन मिश्रण प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है . इससे भारत स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की तरफ उपयोगी कदम बढ़ाएगा . यह गांव के लोगों के लिए रोजगार पैदा करता है और इससे आयातित ईंधन पर निर्भरता कम होगी. 

भारतीय सेना हमेशा राष्ट्र-निर्माण में अग्रणी रही है और यह कदम पर्यावरण संरक्षण और जिम्मेदार संसाधन प्रबंधन के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
 

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