भारतीय सेना में लंबे कार्यकाल तक सेवाएं देने के बाद भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे शनिवार को सेवानिवृत्त हो गए. इंडियन आर्मी ने शनिवार को कहा कि पूर्व सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे के कार्यकाल को हमेशा याद रखा जाएगा. चाहे उत्तरी सीमाओं पर चीन को जवाब देना हो या कोरोना महामारी के दौरान बल के कर्मियों की देखभाल की करना हो, हर मोर्चे पर उनका योगदान अतुलनीय रहा. उक्त बाते सेना ने एक विज्ञप्ति में कही है.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि जनरल नरवणे ने सैन्य कूटनीति को बढ़ावा दिया. भारत के सहयोगी देशों के साथ अच्छे संबंधों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारत की व्यापक राष्ट्रीय शक्ति को बढ़ाया. उनके कार्यकाल में नई दिल्ली में सेना मुख्यालय के पुनर्गठन का काम पूरा हुआ.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि जनरल एम एम नरवणे ने थल सेना प्रमुख के अपने कार्यकाल के दौरान भारत की रक्षा क्षमताओं और तैयारियों को मजबूत करने में योगदान दिया. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उनके कार्यकाल को पूर्वी लद्दाख में उत्तरी विरोधी को ‘‘करारा जवाब'' देने और भविष्य के युद्धों को लड़ने में विशिष्ट प्रौद्योगिकियों को अपनाने के अलावा रक्षा क्षेत्र में आत्म-निर्भरता की ओर प्रयास करने के लिए याद किया जाएगा.
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रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘‘उनका कार्यकाल कोविड-19 महामारी के दौरान भारतीय सेना के कर्मियों को स्वस्थ रखने, पूर्वी लद्दाख में उत्तर की ओर से मिली चुनौती का मजबूत जवाब देने अैर भविष्य के युद्धों से लड़ने में विशिष्ट प्राद्योगिकियों को अपनाने के अलावा आत्मनिर्भरता की ओर प्रयास करने के लिए याद किया जाएगा. जनरल नरवणे ने 31 दिसंबर 2019 को थल सेना प्रमुख का प्रभार संभाला था.
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