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This Article is From May 01, 2022

मंत्री का दावा- कमलनाथ ने लोकसभा चुनावों में सिंधिया को हराने की साजिश रची थी

मध्यप्रदेश के मंत्री ओपीएस भदौरिया ने कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को 2019 के चुनाव में हराने की साजिश रचने का आरोप लगाया

मंत्री का दावा- कमलनाथ ने लोकसभा चुनावों में सिंधिया को हराने की साजिश रची थी
मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ (फाइल फोटो).
भोपाल:

मध्यप्रदेश के मंत्री ओपीएस भदौरिया ने शनिवार को दावा किया कि प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ ने 2019 के लोकसभा चुनावों में अपने तत्कालीन पार्टी सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया को गुना से हराने की साजिश रची थी. सिंधिया 2020 में अपने समर्थकों सहित भाजपा में शामिल हो गए थे. इससे बाद मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार अल्पमत में आकर गिर गई थी. सिंधिया को 2019 के आम चुनावों में भाजपा के केपी यादव ने गुना लोकसभा सीट से सवा लाख से अधिक मतों के अंतर से पराजित किया था.

हालांकि प्रदेश कांग्रेस ने सिंधिया समर्थक मंत्री भदौरिया के दावे को खारिज कर दिया और कहा सिंधिया अपने ‘‘ सामंती अहंकार '' के कारण हारे थे.

शिवराज सिंह चौहान की सरकार में शहरी प्रशासन राज्यमंत्री भदौरिया ने शनिवार को ग्वालियर में पत्रकारों से कहा, ‘‘कांग्रेस सिंधिया जी से डरती है. कांग्रेस दहशत में है. कमलनाथ ने सिंधिया जी को हराने की साजिश रची (2019 के लोकसभा चुनाव में) क्योंकि वह कमलनाथ के लिए एक बड़ी चुनौती थे.''

इस दावे के बारे में पूछे जाने पर कमलनाथ ने यह कहते हुए इसे खारिज कर दिया, ‘‘ उस समय भाजपा उम्मीदवार ने उन्हें (सिंधिया को) हराया था. इसलिए यह भाजपा का आंतरिक मामला है. मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता.''

मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता और कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने सवाल किया कि भदौरिया पिछले तीन साल से इस मुद्दे पर चुप क्यों रहे? उन्होंने सिंधिया का मजाक उड़ाया और कहा कि सिंधिया यह दावा करने के बावजूद हार गए कि उनके परिवार का गुना के लोगों के साथ 300 सालों का संबंध है. सलूजा ने आगे पूछा कि अगर क्षेत्र और वहां के लोगों से गहरे जुड़ाव का यह दावा सही है तो कमलनाथ राजधानी भोपाल में बैठकर सिंधिया को कैसे हरा सकते हैं?

नरेंद्र सलूजा ने कहा, ‘‘सिंधिया ‘सामंती अहंकार' के कारण हार गए. मंत्री ( भदौरिया) इस तरह का बयान देकर मतदाताओं के साथ-साथ गुना से भाजपा के लोकसभा सांसद केपी यादव का भी अपमान कर रहे हैं.''

कभी सिंधिया के समर्थक रहे यादव ने भाजपा में शामिल होने के बाद 2019 के आम चुनावों में ग्वालियर के शाही वंशज सिंधिया को हराया था.

सिंधिया स्वयं मार्च 2020 में अपने 22 समर्थक विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए जिससे मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार का पतन हुआ और चौहान के नेतृत्व में भाजपा वापस सत्ता में आई.

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