![कोलकाता में पकड़ा गया 'बेहरूपिया', लक्जरी होटल में ठहरा... BMW से सेना मुख्यालय में पहुंचा और फिर... कोलकाता में पकड़ा गया 'बेहरूपिया', लक्जरी होटल में ठहरा... BMW से सेना मुख्यालय में पहुंचा और फिर...](https://c.ndtvimg.com/2024-03/bkkdt9tg_imposter-posing-as-army-officer_625x300_16_March_24.jpg?im=FitAndFill,algorithm=dnn,width=773,height=435)
पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक 'बेहरूपिया' पकड़ा गया है. सेना अधिकारी के भेष में इस धोखेबाज ने शनिवार को कोलकाता में भारतीय सेना के पूर्वी कमान मुख्यालय फोर्ट विलियम में प्रवेश करने की कोशिश की. हालांकि, उसका प्रयास तब विफल हो गया, जब वह अधिकारियों के एंट्री रजिस्टर में अपनी डिटेल नहीं लिख सका. ऐसे में पुलिस को शक हुआ और उसे गिरफ्तार कर लिया गया. धोखेबाज़ खुद को 24 साल का बीटेक छात्र होने का दावा करता है लेकिन इस पर कोई स्पष्टीकरण नहीं है.
एंट्री गेट पर ही पकड़ा गया धोखेबाज
यह धोखेबाज खुद को सेना का मेजर बता रहा था और एक काले रंग की बीएमडब्ल्यू कार में फोर्ट विलियम पहुंचा, जिसे एक ड्राइवर चला रहा था. एंट्री गेट पर उसने अपने फोन पर एक आईडी कार्ड दिखाया. आईडी कार्ड पर 5वीं गोरखा राइफल्स (फ्रंटियर फोर्स) यूनिट के मेजर एमएस चौहान का नाम लिखा हुआ था. फिर उससे अधिकारी के एंट्री रजिस्टर में अपनी डिटेल लिखने के लिए कहा गया. हालांकि, वह एंट्री करते समय अपने मोबाइल नंबर के बारे में बात करता रहा. तभी ऑन-ड्यूटी पुलिसकर्मी को कुछ गड़बड़ का संदेह हुआ और उसने कंट्रोल रूम को सूचित किया.
आदतन अपराधी निकला आंध्र का धोखेबाज
पुलिस को जांच के बाद पता चला कि यह धोखेबाज असल में आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम का रहने वाला है. वह आदतन अपराधी निकला और सितंबर 2023 से फरवरी 2024 तक ओडिशा के किशोर गृह में बंद था. 13 फरवरी को अपनी रिहाई के बाद धोखेबाज कटक के होटल प्राइड में रुका. उसने होटल को ₹6,393 का चूना लगाया और भाग निकला. उन्होंने 14 मार्च को हावड़ा रेलवे स्टेशन तक बिना टिकट यात्रा की और हवाई अड्डे के लिए कैब ली. रास्ते में उन्होंने होटल जेडब्ल्यू मैरियट को एयरपोर्ट से लेने के लिए कैब भेजने के लिए फोन किया और वहीं रुक गए. फिर उसने होटल से बीएमडब्ल्यू कैब किराए पर ली और ड्राइवर को बताया कि वह राष्ट्रपति के अंगरक्षक रेजिमेंट के पैनल में शामिल एक सैन्य अधिकारी है.
ऐसे पकड़ी गई धोखेबाज की नोटंकी
कैब ड्राइवर ने धोखेबाज पर भरोसा किया और अपनी बेटी को रक्षा कोटा के तहत जादवपुर विश्वविद्यालय में दाखिला दिलाने का अनुरोध किया. विश्वविद्यालय की यात्रा के बाद, वे आगे की औपचारिकताओं के लिए फोर्ट विलियम गए. वहां उसकी नौटंकी पकड़ी गई और उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया. धोखेबाज़ ने कई लक्जरी होटलों और दुकानों में फेक डिजिटल भुगतान किया था. वह भीम ऐप के जरिए ऑनलाइन भुगतान करता था और पेमेंट न होने का बहाना करके, लोगों को ठगता था.
जेडब्ल्यू मैरियट होटल के जिस कमरे में धोखेबाज रुका था, वहां कर्मचारियों द्वारा तलाशी ली गई, लेकिन कोई निजी सामान या दस्तावेज़ नहीं मिला. हालांकि, वह एक अन्य आईडी कार्ड का उपयोग करके कटक और कोलकाता दोनों के होटलों में रुका था, जिस पर हैदराबाद राज्य पुलिस के कांस्टेबल सुनील कुमार का नाम दर्ज था.
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