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This Article is From Jun 09, 2022

अमूल ने पीएम मोदी से की प्लास्टिक स्ट्रॉ पर बैन न लगाने की अपील, जानिए क्या है वजह

अमूल (Amul) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM Narendra Modi) के कार्यालय को एक लेटर लिखकर प्लास्टिक स्ट्रॉ बैन (Plastic Straw Ban) में थोड़ा और समय देने की अपील की है. पत्र में कहा गया है कि इस पर प्रतिबंध लगाने से पेय सस्ते पेय पदार्थ और भी महंगे हो सकते हैं.

अमूल ने पीएम मोदी से की प्लास्टिक स्ट्रॉ पर बैन न लगाने की अपील, जानिए क्या है वजह

भारत के सबसे बड़े डेयरी समूह अमूल (Amul) ने पत्र लिखकर मोदी सरकार (Modi Government) से प्लास्टिक स्ट्रा (Plastic Straw) के नियोजित प्रतिबंध में देरी करने का आग्रह किया है. अमूल ने कहा है कि इस कदम से दुनिया के सबसे बड़े कमोडिटी उत्पादक, किसानों और दूध की खपत पर "नकारात्मक प्रभाव" पड़ेगा. रॉयटर्स की खबर के अनुसार अमूल ने 28 मई को पीएमओ को लिखे पत्र में यह अपील की है. पत्र में कहा गया है कि आगामी 1 जुलाई से जूस और डेयरी उत्पादों के जिन प्लास्टिक के स्ट्रॉ पर प्रतिबंध लगाने की सरकार तैयारी कर रही है, इसका उद्योग 790 मिलियन (79 करोड़) का है. अमूल हर साल अरबों छोटे डेयरी कार्टन बेचता है, जिसमें प्लास्टिक के स्ट्रॉ लगे होते हैं.

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रॉयटर्स की खबर की खबर के अनुसार सरकार के इस फैसले ने अमूल, पेप्सिको इंक और कोका-कोला सहित वैश्विक पेय प्रमुखों को हिलाकर रख दिया है. खासकर जब सरकार ने अपना रुख बदलने से इनकार कर दिया और कंपनियों को वैकल्पिक स्ट्रॉ पर स्विच करने के लिए कहा. बता दें कि अमूल, पेप्सिको, कोका-कोला के अधिकांश पेय पदार्थ प्लास्टिक स्ट्रॉ पर ही पैक करके ग्राहकों तक पहुंचाए जाते हैं.

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आठ अरब डॉलर के अमूल डेयरी समूह के प्रबंध निदेशक आरएस सोढ़ी ने कहा कि प्लास्टिक स्ट्रॉ दूध की खपत को बढ़ावा देने में मदद करते हैं. सोढ़ी ने लिखा है कि प्रतिबंध में देरी से 10 करोड़ डेयरी किसानों को राहत और लाभ मिलेगा", जो "दूध और दूध उत्पादों के मामले में हमारी खाद्य सुरक्षा की रक्षा करते हैं". सोढ़ी ने अपने पत्र में कहा कि एक जुलाई से प्रतिबंध लागू होने के बाद अमूल को बिना स्ट्रॉ के पैक बेचने पड़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि देश में कम कीमत 5 रुपये से 30 रुपये कीमत वाले जूस और दूध उत्पाद व पेय पदार्थ काफी लोकप्रिय हैं. ये पेय पदार्थों के लिए एक बड़े बाजार का हिस्सा भी है. अगर प्लास्टिक स्ट्रॉ पर बैन लगा तो ये पेय पदार्थ पेपर स्ट्रा यूज करने की वजह से और भी महंगे हो सकते हैं.  

मामले में प्रत्यक्ष जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि पारले ने भारत सरकार को एक पत्र भी लिखा है, जिसमें कहा गया है कि वैकल्पिक स्ट्रॉ का पर्याप्त स्थानीय उत्पादन नहीं था, और आयातित कागज और बायोडिग्रेडेबल वेरिएंट लगभग 250% अधिक महंगे हैं.पारले एग्रो की मुख्य कार्यकारी शौना चौहान ने कहा कि कंपनी ने अभी के लिए पेपर स्ट्रॉ का आयात करना शुरू कर दिया है, लेकिन यह टिकाऊ नहीं है.

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