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This Article is From Jul 05, 2022

केमिस्ट मर्डर केसः गिरफ्तार डॉ. यूसूफ की पत्नी ने कहा, कोल्हे की पोस्ट बस कुछ व्हाट्सऐप ग्रुप में शेयर की थी

डॉ. यूसूफ खान की पत्नी शबनम यूसूफ खान ने एनडीटीवी से बात करतेे हुए अपने पति को लेकर कहा कि वे बेगुनाह हैं. उन्होंने 3-4 वेटनरी डॉक्टर्स के साथ ही पोस्ट शेयर की थी.

केमिस्ट मर्डर केसः  गिरफ्तार डॉ. यूसूफ की पत्नी ने कहा, कोल्हे की पोस्ट बस कुछ व्हाट्सऐप ग्रुप में शेयर की थी
डॉ. यूसूफ खान की पत्नी ने कहा कि वेटनरी डॉक्टर्स के साथ पोस्ट शेयर की थी.
अमरावती:

अमरावती (Amravati) में केमिस्ट उमेश कोल्हे की हत्या (Chemist Umesh Kolhe Murder) के मामले लगातार नए खुलासे हो रहे हैं. उनकी हत्या के मामले में पशु चिकित्सक डॉ. यूसुफ खान (Dr Yusuf Khan) को भी गिरफ्तार किया गया है. हालांकि उनकी पत्नी शबनम यूसूफ खान ने अपने पति को बेगुनाह बताया है और कहा है कि दोनों पंद्रह साल से दोस्त थे. आरोप है कि डॉ.यूसुफ खान ने ही उमेश कोल्हे की पोस्ट को कुछ व्हाट्सऐप ग्रुपों में शेयर किया था. 

डॉ. यूसूफ खान की पत्नी शबनम यूसूफ खान ने एनडीटीवी से बात करतेे हुए अपने पति को लेकर कहा कि वे बेगुनाह हैं. उन्होंने 3-4 वेटनरी डॉक्टर्स के साथ ही पोस्ट शेयर की थी. उन्हें तीन जुलाई को गिरफ्तार किया गया, जब उनके जुड़वां बच्चों का जन्मदिन था. साथ ही उन्होंने कहा कि उमेश कोल्हे से उनके पति की 15 साल से दोस्ती थी. हमारे सहयोगी अनुराग द्वारी ने शबनम यूसूफ खान से बातचीत की. पेश है बातचीत की ट्रांसस्क्रिप्टः 

सवाल- डॉ. यूसूफ खान का पूरे घटनाक्रम में पूरा रोल ये था कि उन्होंने एक व्हाट़सऐप पोस्ट दूसरे ग्रुप में भेजा था. उमेश कोल्हे के परिजन भी यही कह रहे हैं. वहीं यूसूफ खान की पत्नी शबनम यूसूफ खान बेहद परेशान हैं, शबनम जी...

जवाब- उन्हें बीपी शुगर की प्रॉब्लम है. वहाँ उनका फ़ोन भी जमा कर लिया गया है पुलिस स्टेशन में तो उन्होंने भी बिस्तर ही पकड़ लिया है. 

सवाल- हमें पता चला है कि उसी दिन आपके बच्चों का जन्मदिन था जिस दिन वो गिरफ़्तार हुए.

जवाब- जी, बच्चे पापा पापा कह कर पूछ रहे हैं मुझसे.

सवाल- कभी आपको डॉक्टर साहब ने कुछ कहा था? क्योंकि उमेश कोल्हेजी के परिवार को तो भरोसा ही नहीं हो रहा. वो कह रहे हैं पंद्रह बीस साल पुराना रिश्ता है, ईद दिवाली पर आना जाना था.

जवाब- मेरे शौहर जो हैं वो वेटरनिरी डॉक्टर हैं. उमेश भाई का मेडिकल स्टोर है, ऐनिमल्स के मेडिसिन का तो हमेशा वो वहां से मेडिसिन्स लेते थे, 15 सालों से रिश्ता था, उमेश भाई इतने अच्छे इंसान थे कि उन्होंने दोस्त भी तो अच्छे ही चुने होंगे, डॉक्टर साहब के अंदर अच्छाई देखी होगी तभी तो उनकी दोस्ती 15 साल थी ना.

सवाल- अंतिम संस्कार में भी गए थे वो?

जवाब- हमें पता चला कि उनके साथ ऐसा हुआ, तो मेरे पति इतना रोए घर पर आकर, दूसरे दिन उनकी मय्यत में भी गए वो. उनके परिवार से भी मिले, 3-4 दिन तक खाना भी नहीं खाया, बीमार भी हो गए.

सवाल- कभी उन्होंने बताया कि क्या नाराज़गी थी, क्योंकि उन्होंने व्हाट्सऐप ग्रुप में भेजा था मैसेज?

जवाब- कोई नाराज़गी नहीं थी. उमेश भाई धर्म से संबंधित मैसेज भेजे थे जो अच्छे नहीं थे. डॉक्टर साहब ने वो पढ़े और उन्हें लगा कि इस पर मुझे कुछ रिप्लाई करना चाहिए. उन्होंने सोचा इतने सालों से जानते हैं फिर मुसलमानों के बारे में ऐसी सोच रखी इसलिए उन्होंने मैसेज दोस्तों को भेजे और दोस्तों को कहा कि ये ऐसी सोच रखते हैं मुसलमानों के बारे में अब यहां से मेडिसिन मत लेना.

सवाल- क्या उन्होंने बताया कि क्या बोला उन्होंने?

जवाब- उन्होंने बोला हम बेकसूर हैं, पुलिस वालों का उनको फोन आया था, तो खुद ही पुलिस स्टेशन गए थे.

सवाल- बाकी के आरोपियों को वो जानते थे?

जवाब- आरोपियों ने कह दिया था कि वो डॉक्टर साहब को नहीं जानते, हमारा कोई वास्ता नहीं इनसे. पूछताछ के लिए बुलाया उन्होंने लगातार. घर आने दे रहे थे उनको, पहले दिन अरेस्ट नहीं किया. चौथे दिन रोक लिया पुलिस स्टेशन में.

सवाल- पुलिस ने कुछ बताया क्या सबूत मिला, क्यों अरेस्ट किया गया?

जवाब- पुलिस कह रही थी आपने मैसेज क्यों फॉरवर्ड किया. बस ऐसा ही बोला.

सवाल- कौन से ग्रुप में मैसेज फॉरवर्ड किया था?

जवाब- डॉक्टरों के ग्रुप में ही किया था. तीन चार दोस्तों को ही.

सवाल- कभी ऐसा लगा कि घर पर कोई आया है जिसको आप नहीं जानती. डॉक्टर साहब से मिलने?

जवाब- नहीं, मैं सबको जानती हूं, जिनका भी कनेक्शन है. वो बेकसूर हैं, वो नेक इंसान हैं. हिंदू-मुस्लिम भेदभाव नहीं करते वो. ये मुद्दा बना दिया गया है. हमारे आस-पास भी पूछ लीजिए जहां हम रहते हैं, सबको पता है वो नेक इंसान हैं. 

उधर, इससे पहले पुलिस सूत्रों का कहना है कि केमिस्ट उमेश कोल्हे ‘ब्लैक फ्रीडम‘ नाम के एक व्हाट्सऐप ग्रुप का हिस्सा थे. इस ग्रुप के सदस्यों में हिंदू और मुस्लिम दोनों सदस्य हैं. व्हाट्सऐप चैट पर कोल्हे ने कथित तौर पर नूपुर शर्मा के समर्थन में कुछ धार्मिक टिप्पणियां की थीं. पोस्ट को उनके दोस्त और ग्राहक यूसुफ खान ने अन्य व्हाट्सऐप ग्रुपों पर शेयर कर दिया. इन्हीं में से एक व्हाट्सऐप ग्रुप था ‘कलीम इब्राहिम‘.

पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस समूह का सदस्य इरफान खान टिप्पणियों को लेकर भड़क गया था. उसने पांच और सदस्यों के साथ हत्या की योजना बनाई थी. पुलिस का कहना है कि यूसुफ खान मुस्लिम परिवारों की मदद के लिए "रहबर" नाम का एक एनजीओ चलाता है. यहां तक ​​कि कोल्हे अंतिम संस्कार के दौरान उनके परिवार से मिलने भी गया था.

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केमिस्ट उमेश कोल्हे की हत्या की पहली कोशिश 20 जून को की गई : सूत्र

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