बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि दरारें चौड़ी होने से पहले भाजपा ने नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) के साथ गठबंधन को बचाने की हर संभव कोशिश की थी, लेकिन दूरियां इतनी गहरी हो गईं कि उन्हें पाटना असंभव हो गया. प्रसाद ने आज एक कार्यक्रम में कहा, "हमने हमेशा गठबंधन को बचाने की कोशिश की." वहीं यह पूछे जाने पर कि क्या जद (यू) द्वारा गठबंधन छोड़ने की घोषणा से पहले गृह मंत्री अमित शाह ने नीतीश कुमार के साथ बात की थी? इसपर प्रसाद ने कहा, “हां, उन्होंने नीतीश कुमार से बात की … गठबंधन पर भरोसा किया था. बिहार की जनता जल्द ही जवाब देगी. हम लोगों के लिए काम करते रहेंगे."
वहीं कल एनडीटीवी के साथ एक साक्षात्कार में, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने जोर देकर कहा था कि भाजपा "गठबंधन धर्म" बनाए हुए है. यह नीतीश कुमार थे, जो "खरीदारी करने गए," कम सीटें होने के बावजूद उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया था.
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बता दें कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कल यानी मंगलवार को राज्यपाल फागू चौहान से दो बार मुलाकात की थी. पहले मुलाकात करते हुए मुख्यमंत्री के रूप में अपना इस्तीफा सौंपा था. जबकि दूसरी बार तेजस्वी सहित विपक्षी महागठबंधन के अन्य सहयोगियों के साथ राजभवन जाकर राज्यपाल को 164 विधायकों के समर्थन की सूची सौंपी थी.
दरअसल अपना त्याग पत्र सौंपने के बाद कुमार महागठबंधन के विधायकों के समर्थन का पत्र लेने राबड़ी देवी के घर गए और वहां से राजद नेता तेजस्वी यादव के साथ नई सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए राज्यभवन चले गए. बिहार विधानसभा में इस समय 242 सदस्य हैं और बहुमत हासिल करने का जादुई आंकड़ा 122 है. जो कि उन्होंने हासिल कर लिया है.
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