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पीएम मोदी का अनुसरण करने पर बीपी बढ़ जाता है, लोकसभा में ऐसा क्यों बोले अमित शाह?

राहुल गांधी के सवालों का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि पीएम को लगभग 40 महीना हो गया. इसमें से किसी एक महीने का शेड्यूल निकाल लो. पीएम की गति ही इतनी है कि वह इतने ही प्रवास करते मिलेंगे, इसमें चुनाव का कोई लेनादेना नहीं है.

पीएम मोदी का अनुसरण करने पर बीपी बढ़ जाता है, लोकसभा में ऐसा क्यों बोले अमित शाह?
अमित शाह ने दिया राहुल गांधी के सवालों का जवाब.
  • अमित शाह ने लोकसभा में राहुल गांधी के चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोपों को पूरी तरह खारिज किया.
  • अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के शेड्यूल के आधार पर चुनाव आयोग चुनाव कार्यक्रम निर्धारित नहीं करता है.
  • राहुल के आरोपों पर अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने कभी छुट्टी नहीं ली और लगातार जनसंपर्क में लगे रहते हैं.
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नई दिल्ली:

लोकसभा में चुनाव सुधार पर चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी को जमकर सुनाया. राहुल के मंगलवार के भाषण का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि कल विपक्ष के नेता का भाषण सुना, उनका पूरा भाषण धागों में उलझ गया. राहुल ने कहा कि पीएम का शेड्यूल देखकर चुनाव आयोग चुनाव तय करता है. जबकि ऐसा नहीं है.पीएम मोदी के शेड्यूल के हिसाब से चुनाव आयोग का कार्यक्रम तय नहीं होता है. बता दें कि मंगलवार को राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग पीएम मोदी के शेड्यूल के हिसाब से ही चुनाव कार्यक्रम तय करता है.

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पीएम मोदी के शेड्यूल और चुनाव का कोई लेनादेना नहीं

अमित शाह ने कहा कि पीएम को लगभग 40 महीना हो गया. इसमें से किसी एक महीने का शेड्यूल निकाल लो. पीएम की गति ही इतनी है कि वह इतने ही प्रवास करते मिलेंगे, इसमें चुनाव का कोई लेनादेना नहीं है. हमारे पीएम जनसंपर्क में आजादी के बाद सबसे ज्यादा प्रवास करते हैं. उन्होंने कहा कि मैं मोदी जी को 2001 से जानता हूं. उन्होंने एक भी दिन छुट्टी नहीं, एक भी वेकेशन नहीं, लगातार काम किया है. मैंने  उनको बैठे हुए कभी नहीं देखा. कई बार उनका अनुसरण करने का प्रयास करते हैं तो बीपी बढ़ जाता है.

कांग्रेस के वक्त में वोट वाले बक्से हाईजैक हो जाते थे

राहुल पर हमलावर अमित शाह ने कहा कि ये सिर्फ प्रेस में आरोप लगाते हैं, न अदालत जाते हैं न चुनाव आयोग में जाते हैं. 2017 में चुनाव आयोग फिर इस निर्णय पर पहुंचा कि आने वाला सब चुनाव ईवीएम से होगा. मैं भी थोड़ा जागरूक हूं, जब चुनाव आयोग कह रहा कि कुछ नहीं हो रहा है तो मैंने सोचा कि फिर आरोप क्यों लग रहे हैं.मैंने सोचा कि कुछ गलती नहीं है फिर मुझे याद आया जब इनके जमाने में जब बिहार और यूपी में चुनाव होते थे तो पूरे बक्से हाईजैक हो जाते थे. ईवीएम आने से ये बंद हो गया, चुनाव आयोग की चोरी बंद हो गई, इसलिए पेट में दर्द हो रहा है. ईवीएम का दोष नहीं है चुनाव जीतने का जीतने का तरीका जनादेश नहीं था, गलत प्रक्टिस नहीं है, जनादेश से चुनाव नहीं जीत पा रहे हैं.

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