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प्रदूषण पर घिरी दिल्ली सरकार की होटल उद्योग से बड़ी अपील, 'मिस्ट स्प्रे सिस्टम' लगाकर हवा सुधारें

सीएम रेखा गुप्ता ने साफ किया कि प्रदूषण से निपटने के लिए सरकारी प्रयासों के साथ-साथ निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी भी आवश्यक है. उन्होंने जानकारी दी कि कुछ इलाकों में मिस्ट स्प्रे सिस्टम पहले से लगाए जा चुके हैं और इन्हें अन्य क्षेत्रों में भी विस्तारित करने की योजना है.

प्रदूषण पर घिरी दिल्ली सरकार की होटल उद्योग से बड़ी अपील, 'मिस्ट स्प्रे सिस्टम' लगाकर हवा सुधारें
  • दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने होटल और रेस्टोरेंट उद्योग से मिस्ट स्प्रे सिस्टम लगाने की अपील की है.
  • मिस्ट स्प्रे सिस्टम हवा में धूलकण कम करने के साथ पानी की खपत भी घटाने में सहायक होगा.
  • सरकार मिस्ट स्प्रे सिस्टम अपनाने वाले प्रतिष्ठानों को हर प्रकार का सहयोग प्रदान करने का आश्वासन देती है.
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नई दिल्ली:

दिल्ली में लगातार बिगड़ती हवा की गुणवत्ता को लेकर सरकार पर बढ़ रहे राजनीतिक और सार्वजनिक दबाव के बीच, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को होटल और रेस्टोरेंट उद्योग से मिस्ट स्प्रे सिस्टम लगाने की अपील की है. मुख्यमंत्री का कहना है कि यह नई तकनीक हवा में मौजूद धूलकणों को कम करने और पानी की खपत घटाने में प्रभावी ढंग से मदद कर सकती है. मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार इस नई तकनीक को अपनाने वाले प्रतिष्ठानों को हर संभव सहयोग प्रदान करेगी.

निजी क्षेत्र की भागीदारी ज़रूरी... सीएम रेखा गुप्ता
‘विकसित दिल्ली–विकसित पर्यटन एवं हॉस्पिटैलिटी' समिट में बोलते हुए सीएम ने साफ किया कि प्रदूषण से निपटने के लिए सरकारी प्रयासों के साथ-साथ निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी भी आवश्यक है. उन्होंने जानकारी दी कि कुछ इलाकों में मिस्ट स्प्रे सिस्टम पहले से लगाए जा चुके हैं और इन्हें अन्य क्षेत्रों में भी विस्तारित करने की योजना है.

एंटी-स्मॉग गन्स पर सवाल, नियम बदलने का संकेत
सीएम ने स्वीकार किया कि मौजूदा एंटी-स्मॉग गन्स को लेकर कई शिकायतें सामने आई हैं. ये गन्स:

  • महंगी हैं.
  • भारी हैं.
  • ज्यादा जगह लेती हैं.
  • और बड़ी मात्रा में पानी खर्च करती हैं.

सरकार का मानना है कि मिस्ट स्प्रे सिस्टम इन कमियों को दूर करने का एक बेहतर विकल्प है. इसी वजह से DPCC के नियमों में संशोधन पर भी विचार किया जा रहा है ताकि बिल्डिंग मालिकों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ न पड़े.

हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के लिए सुधारों की सूची
प्रदूषण नियंत्रण के साथ-साथ, मुख्यमंत्री ने ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस (Ease of Doing Business) को आसान बनाने की दिशा में उठाए गए कदमों की जानकारी दी:

  • होटल-रेस्टोरेंट के लिए पुलिस लाइसेंसिंग की अनिवार्यता हटाई गई.
  • फायर लाइसेंसिंग में थर्ड-पार्टी ऑडिट शामिल किया गया.
  • मल्टीपल लाइसेंसिंग सिस्टम को सरल बनाने का काम जारी है.
  • सरकार जल्द ही सिंगल-विंडो सिस्टम लागू करने की तैयारी में है, जिसका लक्ष्य उद्योग को तेज और पारदर्शी प्रक्रियाएं उपलब्ध कराना है ताकि दिल्ली को 'ग्लोबल टूरिज़्म कैपिटल' बनाया जा सके.

होटल उद्योग ने दिखाई सहमति
होटल और रेस्टोरेंट एसोसिएशनों ने सरकार की इस पहल का समर्थन किया है और कहा कि वे मिस्ट स्प्रे या मिस्ट फॉगिंग तकनीक को चरणबद्ध तरीके से लागू करेंगे. उनका कहना है कि यह तकनीक प्रदूषण कम करने के साथ-साथ पानी की बचत भी सुनिश्चित करेगी.

लेकिन ज़मीन पर असर कब दिखेगा?

सरकार का मानना है कि नई तकनीक और सुधारों से प्रदूषण नियंत्रण में मदद मिलेगी, वहीं विशेषज्ञों और नागरिकों का बड़ा सवाल अब भी यही है कि दिल्ली की हवा में ठोस सुधार कब दिखाई देगा?

पिछले कई वर्षों से प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई घोषणाएं की गई हैं, लेकिन हवा की गुणवत्ता में स्थायी सुधार अभी भी दूर की चीज़ दिखती है. आने वाले हफ्तों और महीनों में इन कदमों का व्यावहारिक असर कितना दिखेगा, यह देखना महत्वपूर्ण होगा.

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