प्रतीकात्मक फोटो।
नई दिल्ली:
आतंकी हमलों के खतरे के बीच दो जुलाई से जम्मू-कश्मीर में शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा को एक नहीं तीन तरह के खतरे से जूझना होगा। एक ओर आतंकी हमले का खतरा तो है ही दूसरा खतरा अलगाववादियों से है तो तीसरा खतरा मौसम का भी है।
सीआरपीएफ की 38 कंपनियां लगाई गईं
नेशनल हाइवे पर जिस तरह से हाल के दिनों में आतंकी हमले हुए हैं उनसे साफ है कि अमरनाथ यात्रा भी आतंकियों के निशाने पर है। खुद सीआरपीएफ के डीजी के दुर्गा प्रसाद ने कहा कि यात्रा की संवेदनशीलता को देखते हुए सीआरपीएफ की ही 38 कंपनियां लगाई गई हैं ताकि किसी अप्रिय हालात से निपटा जा सके। खुफिया एजेंसियों ने भी चेताया है कि आतंकी अमरनाथ यात्रा पर हमले कर सकते हैं वह भी तब जब कश्मीर में आतंकवाद की कमर तोड़ने का दावा सुरक्षा बलों की ओर से किया जा रहा है।
कश्मीर में अनिश्चितकालीन बंद की धमकी
वैसे इस चेतावनी के बाद अमरनाथ यात्रा के सुरक्षा प्रबंधों की फिर से समीक्षा की गई है जिससे सुरक्षा को चाक चौबंद किया जा सके। आतंकी खतरे के साथ-साथ अलगाववादियों के ऐलान पर हड़ताल और पत्थरबाजों का खतरा भी मंडरा रहा है। दरअसल अलगाववादी यात्रा की अवधि कम करवाना चाहते हैं। इसके लिए वे कश्मीर में अनिश्चिकालीन बंद की धमकी दे रहे हैं।
समय से पहले आया मानसून
इन दो खतरों के बीच मौसम के मिजाज को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। मौसम विभाग की मानें तो इस बार मौसम पूरी तरह से अमरनाथ यात्रा में विलेन की भूमिका निभा सकता है। कश्मीर में इस बार मानसून समय से पहले पहुंच गया है और लोगों को डर सता रहा है कि दो साल पहले की तरह बाढ़ वाले हालात फिर से न बन जाएं।
सीआरपीएफ की 38 कंपनियां लगाई गईं
नेशनल हाइवे पर जिस तरह से हाल के दिनों में आतंकी हमले हुए हैं उनसे साफ है कि अमरनाथ यात्रा भी आतंकियों के निशाने पर है। खुद सीआरपीएफ के डीजी के दुर्गा प्रसाद ने कहा कि यात्रा की संवेदनशीलता को देखते हुए सीआरपीएफ की ही 38 कंपनियां लगाई गई हैं ताकि किसी अप्रिय हालात से निपटा जा सके। खुफिया एजेंसियों ने भी चेताया है कि आतंकी अमरनाथ यात्रा पर हमले कर सकते हैं वह भी तब जब कश्मीर में आतंकवाद की कमर तोड़ने का दावा सुरक्षा बलों की ओर से किया जा रहा है।
कश्मीर में अनिश्चितकालीन बंद की धमकी
वैसे इस चेतावनी के बाद अमरनाथ यात्रा के सुरक्षा प्रबंधों की फिर से समीक्षा की गई है जिससे सुरक्षा को चाक चौबंद किया जा सके। आतंकी खतरे के साथ-साथ अलगाववादियों के ऐलान पर हड़ताल और पत्थरबाजों का खतरा भी मंडरा रहा है। दरअसल अलगाववादी यात्रा की अवधि कम करवाना चाहते हैं। इसके लिए वे कश्मीर में अनिश्चिकालीन बंद की धमकी दे रहे हैं।
समय से पहले आया मानसून
इन दो खतरों के बीच मौसम के मिजाज को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। मौसम विभाग की मानें तो इस बार मौसम पूरी तरह से अमरनाथ यात्रा में विलेन की भूमिका निभा सकता है। कश्मीर में इस बार मानसून समय से पहले पहुंच गया है और लोगों को डर सता रहा है कि दो साल पहले की तरह बाढ़ वाले हालात फिर से न बन जाएं।
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