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पहली बार नहीं, 2008 में भी अल-फलाह यूनिवर्सिटी का स्टूडेंट मिर्जा शादाब बेग धमाकों में रहा शामिल, अब तक फरार

बेग अहमदाबाद में हुए विस्फोटों में शामिल था. धमाके से 15 दिन पहले अहमदाबाद पहुंचा था. पहले पूरे शहर की रेकी की थी और कयामुद्दीन कपाड़िया, मुजीब शेख और अब्दुल रजीक के साथ तीन टीमें बनाईं थी.

पहली बार नहीं, 2008 में भी अल-फलाह यूनिवर्सिटी का स्टूडेंट मिर्जा शादाब बेग धमाकों में रहा शामिल, अब तक फरार
दिल्ली ब्लास्ट के बाद फरीदाबाद के धौज में स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी जांच के दायरे में है.
  • दिल्ली ब्लास्ट के बाद अल फलाह यूनिवर्सिटी आतंकवाद से जुड़े संदिग्धों के कारण जांच के दायरे में है.
  • मिर्जा शादाब बेग ने 2007 में अल फलाह इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक्स में बीटेक पूरा किया था.
  • मिर्जा शादाब बेग अहमदाबाद और जयपुर में हुए सीरियल बम धमाकों में शामिल था और विस्फोटक सामग्री जुटाता था.
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नई दिल्ली:

दिल्ली ब्लास्ट के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी सुर्खियों में है. बता दें कि दिल्ली में 10 नवंबर को ब्लास्ट करने वाला आत्मघाती आतंकी डॉ उमर उन नबी अल फलाह से जुड़ा पहला आतंकी नहीं था. 2008 में अहमदाबाद में सीरियल बम धमाके हुए थे, इसमें शामिल आतंकी मिर्जा शादाब बेग भी अल-फलाह यूनिवर्सिटी का ही छात्र है. उसने 2007 में फरीदाबाद के अल-फलाह इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंटेशन में बीटेक पूरा किया था और 2008 में अहमदाबाद में होने वाले सीरियल ब्लास्ट में शामिल रहा. यानी पढ़ाई के दौरान ही हमले की तैयारी में था. सालों से यह फरार है. अभी इसके अफगानिस्तान में होने की खबर है.

बता दें कि दिल्ली ब्लास्ट के बाद फरीदाबाद के धौज में स्थित ये यूनिवर्सिटी जांच के दायरे में है. अल फलाह कॉलेज की शुरुआत अल फलाह स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के तौर पर हुई थी, जिसे बाद में इसे हरियाणा प्राइवेट यूनिवर्सिटीज अमेडमेंट एक्ट-2014 के तहत यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया गया.

2008 के जयपुर सीरियल ब्लास्ट में भी था शामिल

मिर्जा शादाब बेग आजमगढ़ का रहने वाला और इंडियन मुजाहिदीन का एक अहम सदस्य था. उसने 2008 के जयपुर में हुए सीरियल ब्लास्ट में अहम भूमिका निभाई थी. जयपुर विस्फोटों को अंजाम देने के लिए बेग ही विस्फोटक इकट्ठा करने के लिए कर्नाटक के उडुपी गया था. उडुपी में रियाज़ भटकल और यासीन भटकल को बेग ने बड़ी संख्या में डेटोनेटर और बेयरिंग दी थी, जिसका इस्तेमाल आईईडी तैयार करने में किया गया. कहा तो ये भी जाता है कि बेग बम बनाने वाले इंजीनियरिंग से वाकिफ था क्योंकि उसने इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग की ही पढ़ाई की थी.

अहमदाबाद में कैसे किए थे विस्फोट

बेग अहमदाबाद में हुए विस्फोटों में शामिल था. धमाके से 15 दिन पहले अहमदाबाद पहुंचा था. पहले पूरे शहर की रेकी की थी और कयामुद्दीन कपाड़िया, मुजीब शेख और अब्दुल रजीक के साथ तीन टीमें बनाईं. अब्दुल रजीक की टीम में आतिफ अमीन और मिर्जा शादाब बेग भी शामिल थे. बेग ने ही धमाके के लिए सारी लॉजिस्टिक जुटाया था. मिर्ज़ा शादाब बेग आईडी लगाने में माहिर था. धमाकों से पहले बैग बम तैयार करता था और ट्रेनिंग भी देता था.

इन विस्फोटों में छह लोग घायल हुए थे. गोरखपुर पुलिस ने इंडियन मुजाहिद्दीन से नाम जुडने के बाद आतंकवादी मिर्जा शादाब बेग की संपत्ति कुर्क कर ली थी. सितंबर 2008 में इंडियन मुजाहिदीन के उजागर होने के बाद से ही बेग देश भर में बम विस्फोटों को अंजाम देने के आरोप में आज तक फरार है और दिल्ली, जयपुर अहमदाबाद और गोरखपुर के सिलसिलेवार बम विस्फोटों में नाम आने के बाद इस पर एक लाख का इनाम भी घोषित किया गया था. सूत्रों के अनुसार- 2019 में बेग अंतिम बार अफगानिस्तान में लोकेट हुआ था, अब तक हाथ नहीं आया है.

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