बच्चे को सम्मानित करते यूपी के सीएम अखिलेश यादव
लखनऊ:
यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने रविवार को नोएडा के फुटपाथ पर रोजी कमाने वाले एक छात्र को घर बुलाकर सम्मानित किया और उसे पांच लाख रुपये की मदद दी। उसके समेत उन्होंने आज उन 10 लोगों को घर बुलाकर सम्मानित किया और आर्थिक मदद की जिनकी ईमानदारी, बहादुरी और खुद्दारी की कहानियां सोशल नेटवर्किंग साइटों पर वायरल हो रही हैं। इनमें लखनऊ के फुटपाथ पर पुलिस की बेइज्जती सहने वाले बुज़ुर्ग टाइपिस्ट से लेकर बलिए में आदमखोर मगरमच्छ को पकड़ लेने वाले मजदूर तक शामिल हैं।
स्कूल के बाद फुटपाथ पर रोजी
सोशल नेटवर्किंग साइटों पर 13 साल के बच्चे हरेन्द्र की कहानी है, जो नॉएडा के एक फुटपाथ पर वजन नापने की (वेइंग) मशीन से लोगों का वजन करके चार पैसे कमाता है। उसी से उसकी पढ़ाई चलती है और घर का खर्च भी। हरेन्द्र के पिता विकलांग हैं और बेरोजगार भी। हरेन्द्र सुबह स्कूल जाता है, शाम को कोचिंग करता है और उसके बाद फुटपाथ पर वेइंग मशीन लेकर बैठ जाता है। एक स्टूडेंट को फुटपाथ पर रोजी कमाते देखकर कई लोग अपना वजन करने के बाद हरेन्द्र को सौ-पचास रुपये भी दे देते हैं। अखिलेश यादव ने ट्विटर पर उसकी तस्वीर देखी तो घर बुलाकर उसकी मदद के लिए उसे पांच लाख रुपये का चेक दिया।
पुलिस द्वारा सताए गए बुजुर्ग को एक लाख की मदद
टाइपिस्ट कृष्ण कुमार की कहानी भी सोशल नेटवर्किंग साइटों पर चंद दिनों पहले वायरल हो रही थीं। 65 साल के कृष्ण कुमार लखनऊ के एक फुटपाथ पर पिछले 35 साल से टाइपिंग करके रोजी कमाते हैं। एक दारोगा ने नाराज होकर उनका टाइपराइटर जूते से तोड़ दिया था और उन्हें फुटपाथ से भगा दिया था। फेसबुक पर कृष्ण कुमार की यह तस्वीर देखने के बाद अखिलेश यादव ने आधी रात में दो टाइपराइटर तोहफे में उनके घर भिजवाए थे। आज उन्हें घर बुलाकर एक लाख रुपये दिए और पुलिस की हरकत के लिए उनसे माफी मांगी।
मगरमच्छ को पकड़ने वाले मजदूरों को दिए पांच लाख
सीएम के बंगले पर आज बलिए के 5 मजदूर भी पहुंचे। उनके गांव की झील में मगरमच्छ आ गया था, जो कुछ गांव वालों को खा भी गया था। उसे पकड़ने में वन विभाग नाकामयाब रहा। इसके बाद इन 5 मजदूरों ने उसे खुद जिंदा पकड़ लिया। मगरमच्छ कंधे पर उठाए हुए इन मजदूरों की फोटो अखिलेश यादव ने किसी अखबार में देखी थी। आज उन्हें भी उनकी बहादुरी के लिए पांच लाख रुपये का इनाम दिया गया।
10 बच्चियों की जान बचाने वाले रंजीत यादव सम्मानित
इसी तरह मिर्जापुर में नाव पलटने से डूब रहीं 10 बच्चियों को बचने वाले रंजीत यादव को भी पांच लाख का इनाम मिला। पंद्रह साल की सुषमा को भी रिसर्च में मदद के लिए सीएम ने पांच लाख रुपये दिए। सुषमा ने 15 साल की उम्र में एमएससी कर ली है और अब वह पीएचडी कर रही है।
अखिलेश यादव ने कहा कि 'कभी लोहिया जी कहते थे कि दुनिया से बुराई खत्म करने के लिए जरूरी है कि लोग बुरे को पहचानें। मैं कहता हूं कि दुनिया में अच्छाई बढ़ाने के लिए जरूरी है कि हम अच्छे लोगों को पहचानें,उन्हें इज्जत दें, उनका सम्मान करें।'
स्कूल के बाद फुटपाथ पर रोजी
सोशल नेटवर्किंग साइटों पर 13 साल के बच्चे हरेन्द्र की कहानी है, जो नॉएडा के एक फुटपाथ पर वजन नापने की (वेइंग) मशीन से लोगों का वजन करके चार पैसे कमाता है। उसी से उसकी पढ़ाई चलती है और घर का खर्च भी। हरेन्द्र के पिता विकलांग हैं और बेरोजगार भी। हरेन्द्र सुबह स्कूल जाता है, शाम को कोचिंग करता है और उसके बाद फुटपाथ पर वेइंग मशीन लेकर बैठ जाता है। एक स्टूडेंट को फुटपाथ पर रोजी कमाते देखकर कई लोग अपना वजन करने के बाद हरेन्द्र को सौ-पचास रुपये भी दे देते हैं। अखिलेश यादव ने ट्विटर पर उसकी तस्वीर देखी तो घर बुलाकर उसकी मदद के लिए उसे पांच लाख रुपये का चेक दिया।
पुलिस द्वारा सताए गए बुजुर्ग को एक लाख की मदद
टाइपिस्ट कृष्ण कुमार की कहानी भी सोशल नेटवर्किंग साइटों पर चंद दिनों पहले वायरल हो रही थीं। 65 साल के कृष्ण कुमार लखनऊ के एक फुटपाथ पर पिछले 35 साल से टाइपिंग करके रोजी कमाते हैं। एक दारोगा ने नाराज होकर उनका टाइपराइटर जूते से तोड़ दिया था और उन्हें फुटपाथ से भगा दिया था। फेसबुक पर कृष्ण कुमार की यह तस्वीर देखने के बाद अखिलेश यादव ने आधी रात में दो टाइपराइटर तोहफे में उनके घर भिजवाए थे। आज उन्हें घर बुलाकर एक लाख रुपये दिए और पुलिस की हरकत के लिए उनसे माफी मांगी।
मगरमच्छ को पकड़ने वाले मजदूरों को दिए पांच लाख
सीएम के बंगले पर आज बलिए के 5 मजदूर भी पहुंचे। उनके गांव की झील में मगरमच्छ आ गया था, जो कुछ गांव वालों को खा भी गया था। उसे पकड़ने में वन विभाग नाकामयाब रहा। इसके बाद इन 5 मजदूरों ने उसे खुद जिंदा पकड़ लिया। मगरमच्छ कंधे पर उठाए हुए इन मजदूरों की फोटो अखिलेश यादव ने किसी अखबार में देखी थी। आज उन्हें भी उनकी बहादुरी के लिए पांच लाख रुपये का इनाम दिया गया।
10 बच्चियों की जान बचाने वाले रंजीत यादव सम्मानित
इसी तरह मिर्जापुर में नाव पलटने से डूब रहीं 10 बच्चियों को बचने वाले रंजीत यादव को भी पांच लाख का इनाम मिला। पंद्रह साल की सुषमा को भी रिसर्च में मदद के लिए सीएम ने पांच लाख रुपये दिए। सुषमा ने 15 साल की उम्र में एमएससी कर ली है और अब वह पीएचडी कर रही है।
अखिलेश यादव ने कहा कि 'कभी लोहिया जी कहते थे कि दुनिया से बुराई खत्म करने के लिए जरूरी है कि लोग बुरे को पहचानें। मैं कहता हूं कि दुनिया में अच्छाई बढ़ाने के लिए जरूरी है कि हम अच्छे लोगों को पहचानें,उन्हें इज्जत दें, उनका सम्मान करें।'
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