दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता बीते कुछ दिनों से बेहद खराब बनी हुई है. आने वाले कुछ दिनों में इसके और भी खराब स्तर पर पहुंचने की आशंका जताई जा रही है. मौसम विभाग के अनुसार अगले तीन दिनों में दिल्ली और एनसीआर के ज्यादातर शहरों में हवा की गुणवत्ता "बेहद खराब" हो सकती है. लिहाजा, इसे लेकर एक हेल्थ एडवाइजरी भी जारी की गई है.
दिल्ली के आनंद विहार में शाम 4 बजे वायु की गुणवत्ता (AQI) 455 था, जिससे यह यहां के सबसे प्रदूषित क्षेत्रों में से एक बन गया. शाम 5 बजे पूरी दिल्ली का AQI 357 था. वहीं, गाजियाबाद में AQI 384, नोएडा में AQI 371, ग्रेटर नोएडा में AQI 364 और फरीदाबाद में AQI 346 था. सिर्फ दिल्ली ही नहीं पंजाब से लेकर उत्तर प्रदेश और बिहार तक, 34 भारतीय शहरों में वायु की गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में है.
जीरो से 50 के बीच AQIको 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 को 'मध्यम', 201 और 300 को 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 और 500 को 'गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि हवा की गुणवत्ता में गिरावट हवा की दिशा और हवा की गति के कारण है, जिससे खेतों में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि के साथ-साथ प्रदूषण में बढ़ोतरी हो ही है.
तापमान और हवा की गति में गिरावट, साथ ही पटाखे फोड़े जाने और खेतों में पराली जलाने के कारण 23 अक्टूबर की रात को प्रदूषण का स्तर बढ़ गया. हालांकि, इस बार दिवाली के आसपास प्रदूषण 7 वर्षों में सबसे कम था, क्योंकि मौसम की स्थिति इसमें गेम चेंजर साबित हुई. राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता 24 अक्टूबर से खराब होने लगी थी. दिवाली के बाद AQI 'खराब' से 'बहुत खराब' श्रेणी में आ गया.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, हवा की गति कम होने के कारण प्रदूषक आबोहवा में बने हैं. शुक्रवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 14.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. सुबह साढ़े 8 बजे हवा में आर्द्रता का स्तर 90 फीसदी था.
रिपोर्ट के मुताबिक, 19 अक्टूबर को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) की उप-समिति ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के फेज II को लागू किया था. GRAP के फेज II में होटल, रेस्तरां और खुले भोजनालयों में कोयले और तंदूर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाना शामिल है. साथ ही आवश्यक सेवाओं को छोड़कर डीजल जनरेटर के उपयोग पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है, ताकि प्रदूषण को कुछ हद तक कंट्रोल किया जा सके.
दिल्ली में वायु गुणवत्ता के आधार पर GRAP को चार फेज में वर्गीकृत किया गया है. 'खराब' वायु गुणवत्ता (AQI 201-300) के मामले में फेज I, 'बहुत खराब' वायु गुणवत्ता के लिए फेज II, 'गंभीर' वायु गुणवत्ता (AQI 401-450) के लिए फेज III, और 'गंभीर प्लस' के लिए फेज IV वायु गुणवत्ता (एक्यूआई>450).
अगर दिल्ली में फेज III की हालत हो जाती है, तो प्राधिकरण आवश्यक परियोजनाओं (जैसे रेलवे, महानगरों, हवाई अड्डों, आईएसबीटी और राष्ट्रीय सुरक्षा/रक्षा-संबंधित राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं को छोड़कर) एनसीआर में निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर प्रतिबंध लागू करेगा.
तीसरे फेज के तहत ईंट भट्टों, हॉट मिक्स प्लांट और स्वच्छ ईंधन पर काम नहीं करने वाले स्टोन क्रशर और एनसीआर में खनन और संबंधित गतिविधियों पर भी प्रतिबंध लगाया जाएगा.
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