अलग अलग इमारतों में विमान के अलग अलग हिस्से अब भी पड़े हुए हैं.
अहमदाबाद विमान दुर्घटना में न सिर्फ यात्रियों को अपनी जान गंवानी पड़ी है, बल्कि इस हादसे की चपेट में कुछ मेडिकल स्टूडेंट भी आ गए. अभी तक 10 मेडिकल छात्रों के शवों की पहचान हुई है. मेगानी नगर के नजदीक हुए इस हादसे में बीजे मेडिकल कॉलेज की सात इमारतों को अपनी चपेट में ले लिया. इस हादसे की प्रत्यक्षदर्शी सुनीता बेन ने उस लम्हे को याद किया है, जब अहमदाबाद से लंदन जा रहा विमान महज टेक ऑफ के बाद 38 सेकेंड के बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
सुनीता बेन ने बताया कि उनके घर से महज 50 मीटर की दूरी पर बोइंग 787 विमान हादसा हुआ. तेज आवाज के साथ विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. सुनीता बेन ने कहा कि आवाज इतनी तेज थी कि पूरा इलाका हिल उठा और इमारतों के शीशे टूट गए. साथ ही लोग अपने-अपने घर छोड़कर भाग गए.

दो सौ मीटर तक बिखर गया विमान का तेल
यह विमान सबसे पहले एक पेड़ से टकराया और उसके 50 मीटर के बाद ही बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर गिर गया. हॉस्टल की जिस बिल्डिंग पर विमान टेल गिरी, उसकी पहली मंजिल टूट गई है.
उसके नजदीक हॉस्टल नंबर दो हैं, जहां कई छात्र घायल हुए हैं क्योंकि धमाके के बाद विमान का तेल करीब दो सौ मीटर तक बिखर गया. इसकी इसकी चपेट में आकाश पाटनी आ गए. इसके कारण 15 साल के आकाश की मौत हो गई.

खाना खा रहे थे कई स्टूडेंट
विमान दुर्घटना की चपेट में कुल सात बिल्डिंग आई, जिस जगह पर विमान का टेल पड़ा है वो दो मंजिला मेस है, जहां दुर्घटना के वक्त करीब 60 मेडिकल स्टूडेंट खाना खा रहे थे. मेस में लंच का वक्त दोपहर एक से ढाई बजे तक होता है. इसके चलते कई छात्र दुर्घटना की चपेट में आ गए.
इसके नजदीक बिल्डिंग में डॉक्टर्स के 6 हॉस्टल के ब्लॉक बने हैं. अलग अलग इमारतों में विमान के अलग अलग हिस्से अब भी पड़े हुए हैं. बीजे मेडिकल हॉस्टल के एक ब्लॉक में विमान के आगे का पहिया फंसा है. दूसरे ब्लॉक की दीवार को तोड़ता हुआ विमान का बीच का हिस्सा फंसा है.
इन ब्लॉक के कैंपस के बीच एक नीम के पेड़ के नीचे मंदिर बना है, जहां विमान के लगेज का हिस्सा मिला है. जहां अभी सूटकेस का सामान बिखरा हुआ है, जिनमें बच्चों के खिलौने और दूसरी चीजें शामिल हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं