विज्ञापन
This Article is From Sep 18, 2020

विरोध के बावजूद BJP को राज्‍यसभा में कृषि विधेयकों पर 'जीत' का विश्‍वास, यह है 'अंकों का गणित'...

कांग्रेस सहित विपक्ष के कई दलों ने इस विधेयकों (Agriculture Bills) को किसान विरोधी करार दिया है. पंजाब और हरियाणा के किसान इन बिलों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं.

विरोध के बावजूद BJP को राज्‍यसभा में कृषि विधेयकों पर 'जीत' का विश्‍वास, यह है 'अंकों का गणित'...
कृषि विधेयकों के खिलाफ पंजाब और हरियाणा में किसानों ने प्रदर्शन किया है
नई दिल्ली:

तीन कृषि विधेयकों (Farm sector bills) को लेकर विपक्ष के पुरजोर विरोध और पुराने सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के 'बागी तेवरों' के बावजूद सत्‍तारूढ़ बीजेपी (BJP)को विश्‍वास है कि राज्‍यसभा (Rajya Sabha)में जब इन बिलों को रखा जाएगा तो वह वह 'संख्‍या बल' को अपने पक्ष में करके बल पास कराने में सफल रहेगी. पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शुक्रवार को कहा कि किसान और ग्राहक के बीच जो बिचौलिए होते हैं, जो किसानों की कमाई का बड़ा हिस्सा खुद ले लेते हैं, उनसे बचाने के लिए ये कृषि विधेयक लाना बहुत आवश्‍यक था. किसानों वाले बिल रविवार को राज्य सभा में आएँगे 

किसान बिल के मुद्दे पर कांग्रेस फैला रही भ्रम, हम उसे एक्‍सपोज करेंगे: दिग्विजय चौटाला

उन्‍होंने कहा कि ये तीन बिल (Three farm bills) ये विधेयक किसानों के लिए रक्षा कवच बनकर आए हैं. उन्‍होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियों और लोगों द्वारा अब ये दुष्प्रचार किया जा रहा है कि सरकार के द्वारा किसानों को MSP का लाभ नहीं दिया जाएगा. ये भी मनगढ़ंत बातें कही जा रही हैं कि किसानों से धान-गेहूं इत्यादि की खरीद सरकार द्वारा नहीं की जाएगी. उन्‍होंने जोर देकर कहा कि ये सरासर झूठ है, गलत है, किसानों को धोखा है. लेकिन ऐसे लोग भूल रहे हैं कि देश का किसान जागृत है. वह ये देख रहा है कि कुछ लोगों को किसानों को मिल रहे नए अवसर पसंद नहीं आ रहे. देश का किसान ये देख रहा है कि वो कौन से लोग हैं, जो बिचौलियों के साथ खड़े हैं.

क्या है किसान बिल? पंजाब में क्यों मचा हंगामा? किसानों के आगे क्यों झुका अकाली दल?

गौरतलब है कि कांग्रेस सहित विपक्ष के कई दलों ने इस विधेयकों (Agriculture Bills) को किसान विरोधी करार दिया है. पंजाब और हरियाणा के किसान इन बिलों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. केंद्र सरकार में अकाली दल के कोटे से मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने गुरुवार को इन बिलों को लेकर पद से इस्‍तीफा दे दिया. हालांकि 225 सदस्‍यीय राज्‍यसभा में बीजेपी नीत नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) के पास स्‍पष्‍ट बहुमत नहीं है लेकिन कई क्षेत्रीय पार्टियों ने पिछले कई सेशन में इसका समर्थन किया है और सरकार को विभिन्‍न विधेयकों को पारित कराने की सरकार की राह आसान की है. बीजेपी नेताओं को उम्‍मीद है कि वह वह करीब 130 सदस्‍यों का समर्थन हासिल करने में सफल रहेंगे, इसमें एआईएडीएमके के 9, टीआरएस के सात और वायएसआर कांग्रेस के छह सदस्‍य शामिल हैं. राज्‍यसभा में बीजेपी के सर्वाधिक 86 सदस्‍य हैं, इसके बाद कांग्रेस (40 सीट) का स्‍थान आता है. पंजाब के शिरोमणि अकाली दल के तीन सदस्‍यों का बिलों के विरोध में वोटिंग करना तय है लेकिन बीजेपी की पूर्व सहयोगी शिव सेना ने विधेयकों का समर्थन करने के संकेत दिए हैं. शिवसेना के राज्‍यसभा में तीन सदस्‍य हैं.

देस की बात : जब मंडी नहीं होगी तो बेचेंगे कहां किसान?

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com