Agnipath Scheme: नौसेना केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई अग्निपथ योजना के तहत इस साल 3,000 ‘अग्निवीरों' की भर्ती करेगी. पश्चिमी नौसेना के कमांडर-इन-चीफ वाइस एडमिरल अजेंद्र बहादुर सिंह ने बुधवार को यह जानकारी दी. नयी योजना के तहत इस साल कुल 46,000 अग्निवीरों की भर्ती की जानी है. सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि नौसेना की स्वीकृत संख्या के आधार पर उम्मीदवारों की संख्या बढ़ाई जाएगी. नौसेना अधिकारी ने कहा, ‘‘योजना नयी है और हमें खुद को इसके अनुकूल बनाना होगा. नौसेना पहले वर्ष में 3,000 (कार्मिक) की भर्ती करने जा रही है. वायु सेना 3,500 की भर्ती करेगी जबकि सेना 40,000 की भर्ती करेगी. यह पहले वर्ष की संख्या है.'' सिंह ने उम्मीद जतायी कि कार्मिकों की संख्या में इजाफा हो सकता है.
सिंह ने कहा कि यह योजना युवाओं के लिए एक बड़ा अवसर है, क्योंकि उन्हें जो कौशल और काम करने का मौका मिलेगा, वह ‘‘जीवन बदलने वाला और उनके करियर के लिए फायदा पहुंचाने वाला'' साबित होगा.
उप थल सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बी एस राजू ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, “भारतीय सेना अगले 180 दिनों में 25,000 ‘अग्निवीरों' की भर्ती करेगी. बाकी 15,000 ‘अग्निवीरों' की भर्ती प्रक्रिया एक महीने बाद शुरू होगी.” उन्होंने बताया कि भर्ती अभियान देश के सभी 773 जिलों में चलाया जाएगा. लेफ्टिनेंट जनरल राजू ने कहा कि रक्षा मंत्री के पास परिचालन आवश्यकताओं के अनुसार जरूरी परिवर्तन करने का अधिकार है.
‘अग्निपथ' योजना को देश के सामने आने वाली भावी सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए ज्यादा फिट और युवा सैनिकों की भर्ती की खातिर दशकों पुरानी चयन प्रक्रिया में एक बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है. रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को बताया था कि इस योजना के तहत साल 2022 में तीनों सेनाओं में साढ़े 17 साल से 21 साल तक की उम्र के 46,000 सैनिकों की भर्ती की जाएगी.
भर्ती ‘अखिल भारत, अखिल वर्ग' आधार पर होगी, जो कुछ रेजिमेंट की संरचना को बदलने के लिए निर्धारित है, जिनमें विशिष्ट क्षेत्रों और जातियों के युवाओं की भर्ती की जाती है. सैनिकों का चार साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद यह योजना समय-समय पर सशस्त्र बलों द्वारा घोषित संगठनात्मक आवश्यकताओं और नीतियों के आधार पर हर बैच के 25 फीसदी सदस्यों को नियमित सेवा में बनाए रखने का प्रावधान करती है.
नयी योजना के तहत चार साल के कार्यकाल में लगभग छह से आठ महीने की प्रशिक्षण अवधि भी शामिल होगी. राजू ने कहा कि ‘अग्निपथ' योजना से सेना में युवा सैनिकों की भर्ती को बढ़ावा मिलेगा और वे नयी तकनीकों के हिसाब से भी जल्दी ढलने में सक्षम होंगे.
गौरतलब है कि सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती संबंधी ‘अग्निपथ' योजना की मंगलवार को घोषणा की थी, जिसके तहत सैनिकों की भर्ती चार साल की लघु अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी.
योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल करीब 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे. चयन के लिए पात्रता आयु साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी और इन्हें ‘अग्निवीर' नाम दिया जाएगा.
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