सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के घर पर डिनर मीटिंग में कांग्रेस समेत 18 राजनीतिक दलों के नेताओं ने शिरकत की. हालांकि, इस बैठक में उद्धव ठाकर छाए रहे. उद्धव ठाकरे की गैर-मौजूदगी में हुई इस मीटिंग में तय किया गया कि विपक्षी दल वीडी सावरकर जैसे संवेदनशील विषयों पर टिप्पणी करने से दूर रहेंगे. हाल में वीडी सावरकर पर राहुल गांधी की टिप्पणी से उद्धव ठाकरे नाराज थे और यही कारण था कि वह इस बैठक से अनुपस्थित रहे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उपनाम पर अपनी टिप्पणियों को लेकर दो साल की जेल की सजा मिलने और सांसद के रूप में अयोग्य घोषित किए जाने के बाद राहुल गांधी ने कहा था, "मेरा नाम सावरकर नहीं.. गांधी कभी माफी नहीं मांगते."
बैठक में मौजूद थे राहुल गांधी
राहुल गांधी के इसी बयान ने उद्धव ठाकरे की पार्टी को गहरा आघात पहुंचाया और उन्होंने महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन में दरार की चेतावनी देते हुए कहा, "सावरकर हमारे आदर्श, अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे..."उन्होंने कहा था, 'मैं राहुल गांधी को बताना चाहता हूं कि हम एक साथ आए हैं, यह सही है. हम इस देश में लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए एक साथ आए हैं, लेकिन ऐसा कोई बयान न दें, जो दरार पैदा करे.' सूत्रों ने कहा कि रात्रिभोज के दौरान कांग्रेस ने संकेत दिया था कि वह समान विचारधारा वाले दलों की भावनाओं को ध्यान में रखेगी. सूत्रों ने कहा कि राहुल गांधी अपनी मां सोनिया गांधी के साथ इस बैठक में मौजूद थे और वक्ताओं में से एक थे.
इन दलों ने की शिरकत
कांग्रेस के अलावा 17 राजनीतिक दलों में, DMK, शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (JDU), तेलंगाना की सत्तारूढ़ भारत रक्षा समिति (BRS), RS, CPM, CPI, अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP), MDMK, KC, TMC, RSP, RJD, फारूक अब्दुल्ला की एनसी, आईयूएमएल, वीसीके, एसपी, झामुमो के नेता उपस्थित थे. हालांकि, कई विपक्षी नेताओं ने यह स्पष्ट किया कि इस मीटिंग का मकसद कांग्रेस के लिए एक मुद्दा-आधारित समर्थन था और इसे 2024 के आम चुनावों के संदर्भ में पढ़ा जाने वाला इशारा नहीं समझना चाहिए. तृणमूल के जवाहर सरकार ने कहा, "सभी दलों और नेताओं पर समन्वित और अलोकतांत्रिक हमलों के खिलाफ यह विपक्ष की एकता थी."
व्यापक एजेंडे पर बात
हालांकि, कांग्रेस ने एक व्यापक एजेंडे की बात की. कांग्रेस के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने ट्वीट किया,"आज रात 18 विपक्षी दलों के नेताओं ने मल्लिकार्जुन खरगे के निवास पर मुलाकात की और एक स्वर से मोदी शासन के खिलाफ अपने अभियान को जारी रखने का फैसला किया, जो लोकतंत्र को नष्ट कर रही है और जिसने सभी संस्थानों पर कब्जा कर लिया है. विपक्षी दलों ने मोदी की डर और धमकी की राजनीति का मुकाबला करने के लिए सामूहिक संकल्प व्यक्त किया. यह संकल्प अब संसद के बाहर संयुक्त कार्रवाइयों में दिखाई देगा."
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