आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा बीजेपी पर हथिनीकुंड बैराज के माध्यम से बाढ़ प्रभावित दिल्ली की ओर पानी को "जानबूझकर" मोड़ने के लिए हरियाणा सरकार का इस्तेमाल करने का आरोप लगाने के कुछ घंटों बाद, हरियाणा सरकार ने शुक्रवार को कहा कि आप के दावे 'भ्रामक' हैं. 1 लाख क्यूसेक से अधिक बहाव वाला पानी दूसरी तरफ नहीं छोड़ा जा सकता.
राज्य सरकार के सूचना और जनसंपर्क विभाग ने ट्विटर पर कहा कि केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के दिशानिर्देशों के अनुसार, 1 लाख क्यूसेक से अधिक प्रवाह वाला पानी पश्चिमी यमुना और पूर्वी यमुना नहर में नहीं छोड़ा जा सकता है.
सेवानिवृत्त आईएएस और हरियाणा के मुख्यमंत्री के सलाहकार (सिंचाई) देवेन्द्र सिंह ने कहा कि सीडब्ल्यूसी दिशानिर्देशों के अनुसार, यदि हथिनी कुंड बैराज में पानी का प्रवाह 1 लाख क्यूसेक से अधिक है, तो पानी पश्चिमी यमुना और पूर्वी यमुना नहर में बह जाएगा. डीआईपीआर हरियाणा ने ट्वीट्स की एक श्रृंखला में कहा, ''बड़े पत्थरों को हटाया नहीं जा सकता.''
डीआईपीआर ने कहा, "इससे बैराज संरचनाओं को नुकसान हो सकता है, इसलिए नहरों के हेड रेगुलेटर गेट बंद कर दिए जाते हैं और यमुना नदी में पानी के मुक्त प्रवाह के लिए बैराज पर क्रॉस रेगुलेटर गेट खोल दिए जाते हैं."
डीआईपीआर ने बिना किसी का नाम लिए आगे कहा, 'एक राजनीतिक दल के नेताओं ने आज सोशल मीडिया पर एक वीडियो के माध्यम से आरोप लगाया कि पश्चिमी यमुना नहर और पूर्वी यमुना नहर में पानी न छोड़कर हथिनी कुंड बैराज से यमुना नदी में पानी छोड़ा जा रहा है. इसी के कारण दिल्ली में बाढ़ आ रही है."
बता दें कि इससे पहले दिन में, एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, आप के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद, संजय सिंह और आप की मुख्य प्रवक्ता, प्रियंका कक्कड़ ने कहा, "बाढ़ की स्थिति में, हथिनी कुंड से उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली की ओर संतुलित मात्रा में पानी छोड़ा जाता है. लेकिन 9 से 13 जुलाई तक सारा पानी दिल्ली की ओर छोड़ दिया गया. अगर तीनों राज्यों की ओर समान रूप से पानी छोड़ा जाता तो दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के यमुना से सटे इलाके सुरक्षित रहते."
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