
सातवां वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू हो चुकी हैं.
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सातवां वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू हो चुकी हैं.
अलाउंस और एचआरए को लेकर विवाद हुआ
केंद्र ने लवासा समिति का गठन किया था.
इस पूरे मामले में करीब पांच महीने की देरी पहले ही हो चुकी है. केंद्रीय कर्मचारियों में इसे लेकर काफी रोष व्याप्त है. ऐसे में सरकार की ओर से कर्मचारियों के हित का ख्याल रखे जाने की उम्मीद की जा रही है.
अब सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एम्पावर्ड कमेटी की बैठक का दिन निर्धारित हो गया है. आम तौर पर इस बैठक का एजेंडा तय होता है. ऐसे में 1 जून को होने वाली बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की जानी है. यह एजेंडा में रखा गया है.
इस बारे में कर्मचारी नेता शिवगोपाल मिश्रा का कहना है कि 23 मई को "उच्च भत्ते एवं एरियर" से संबंधित एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी तथा केबिनेट सेक्रेटरी द्वारा यह आश्वासन दिया गया कि 1 जून को सचिवों की अधिकार प्राप्त समिति में मकान किराया (HRA) एवं अन्य भत्तों पर लवासा कमिटी की रिपोर्ट चर्चा की जाएगी.
मिश्रा ने कहा कि दुर्भाग्य से आज तक() वित्त मंत्रालय द्वारा सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों के अनुसार मकान किराया एवं अन्य भत्तों के संबंध न तो कोई निर्णय लिया गया, न ही भत्तों के जॉंच के लिए सरकार द्वारा गठित लवासा कमिटी की भत्तों पर की गई सिफारिश की रिपोर्ट अभी सार्वजनिक किया गया है. अतः भत्ते के बारे में समिति की सिफारिशों का विश्लेषण किए बिना विसंगतियों को तैयार नहीं किया जा सकता. इनके साथ कर्मचारी नेताओं को राष्ट्रीय विसंगति कमिटी में एजेंडा रखना है. इस पर डीओपीटी द्वारा तय की गई तिथि को 15.05.2017 को बैठक होनी है.
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