विनायक दामोदर सावरकर के बैनर पर उपजे सांप्रदायिक तनाव के बीच कर्नाटक के शिवमोग्गा में एक व्यक्ति को कथित रूप से चाकू मारने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उन्हें हिरासत में लेने के लिए पुलिस की कार्रवाई के दौरान एक आरोपी के पैर में गोली लग गई. जिला पुलिस प्रमुख बीएम लक्ष्मी प्रसाद ने कहा कि किसी भी तरह की भगदड़ को रोकने के लिए भारी बल तैनात है और अगले 48 घंटों तक निषेधाज्ञा लागू रहेगी. क्षेत्र के स्कूलों को अगले दो दिनों तक बंद रखने को कहा गया है.
रिपोर्टों के अनुसार, एक समूह द्वारा कथित तौर पर सावरकर का एक पोस्टर हटाने और टीपू सुल्तान का एक पोस्टर लगाने के बाद इलाके में सांप्रदायिक झड़प हो गई. शिवमोग्गा में हिंसा सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्ष के बीच राज्य भाजपा सरकार द्वारा जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर को हटाने और हर घर तिरंगा अभियान के विज्ञापन में सावरकर को शामिल करने पर वाकयुद्ध शुरू हो गया. सत्तारूढ़ भाजपा ने कहा कि यह सोच-समझकर लिया गया फैसला है. भाजपा प्रवक्ता रवि कुमार ने कहा, "नेहरू की वजह से भारत टूटा, इसलिए अखबार में उनकी तस्वीर को हटा दिया गया."
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विपक्ष के नेताओं ने इस कदम को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के इस्तीफे की मांग की. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा, "यह भारतीय लोकतंत्र और स्वतंत्रता पर शर्म की बात है. भारत आजादी के 75 साल का जश्न मना रहा है. प्रधानमंत्री को बसवराज बोम्मई को बर्खास्त करना चाहिए, हम माफी की मांग करते हैं."
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