24 साल की इस लड़की ने सिविल सर्विस की तैयारी के लिए छोड़ी थी नौकरी, UPSC टॉप 20 में हुई शामिल

वरदाह खान ने बताया कि उन्होंने सोशल मीडिया का पॉजिटिव इस्तेमाल कर यूपीएससी की तैयारी की. पहले प्री-टेस्‍ट पास किया, फिर मेंस और इंटरव्यू में भी अच्‍छा नंबर हासिल किया है.

24 साल की इस लड़की ने सिविल सर्विस की तैयारी के लिए छोड़ी थी नौकरी, UPSC टॉप 20 में हुई शामिल

वरदाह ने बताया कि उन्होंने रोजाना 8 से 9 घंटे पढ़ाई कर यह मुकाम हासिल किया है.

नोएडा:

यूपीएससी का परिणाम घोषित होने के बाद नोएडा में रहकर पढ़ाई करने वाली वरदाह खान ने 18वी रैंक हासिल की है. उनके मुताबिक, कामयाबी के लिए लगातार पढ़ना जरूरी है, पढ़ाई के घंटे किसी दिन कम हो सकते हैं तो किसी दिन ज्यादा भी, लेकिन लगातार पढ़ना बेहद जरूरी है. मूल रूप से प्रयागराज की रहने वाली वरदाह खान नोएडा के सेक्टर-82 स्थित विवेक विहार में अपने रिश्तेदारों के यहां रहकर यूपीएससी (UPSC) की तैयारी कर रही थीं. वह पहले प्रयास में प्री-टेस्‍ट पास नहीं कर पाईं, मगर दूसरे प्रयास में उन्‍होंने ऑल इंडिया 18वीं रैंक हासिल की है.

वरदाह खान ने बताया कि उन्होंने सोशल मीडिया का पॉजिटिव इस्तेमाल कर यूपीएससी की तैयारी की. पहले प्री-टेस्‍ट पास किया, फिर मेंस और इंटरव्यू में भी अच्‍छा नंबर हासिल किया है. उनका कहना है कि उनकी प्राथमिकता है फॉरेन सर्विसेज में जाना. ट्रेनिंग लेकर वह ऐसे काम करेंगी, जिससे देश की छवि विश्‍व में और ज्यादा चमक सके.

वरदाह ने बताया कि उन्होंने रोजाना 8 से 9 घंटे पढ़ाई कर यह मुकाम हासिल किया है. यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के दौरान उनके परिवार जनों और दोस्तों का भी काफी सहयोग रहा, जो उन्हें समय-समय पर प्रेरित करते रहे. उन्‍होंने दसवीं और बारहवीं की पढ़ाई प्रयागराज से की है. उन्होंने दिल्ली विश्‍वविद्यालय के खालसा कॉलेज से ग्रेजुएशन किया और कुछ महीने कॉर्पोरेट में काम करने के बाद सिविल सर्विसेज में जाने का मन बनाया और अपने दूसरे ही प्रयास में उन्होंने ऑल इंडिया 18वीं रैंक हासिल की.

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वरदाह खान के मुताबिक, लगातार पढ़ाई करना बेहद जरूरी है. उन्होंने बताया कि आज के समय में सोशल मीडिया एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जिसके जरिए किसी भी टॉपिक पर बहुत आराम से तैयारी की जा सकती है. उन्होंने कहा, "सोशल मीडिया के नेगेटिव और पॉजिटिव, दोनों एस्पेक्ट्स होते हैं. हमें अपने काम की चीज सोशल मीडिया से लेकर आगे बढ़ना चाहिए. रोजाना मैंने अपना 8 से 9 घंटे पढ़ने का टाइम टेबल बना रखा था, सुबह के अखबार से शुरुआत होती थी, जिसमें करंट अफेयर्स होते थे और उसके बाद बाकी सब्जेक्ट की पढ़ाई होती थी."



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)