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फर्राटेदार अंग्रेजी बोलकर अमेरिकियों को लूट लेते थे, नोएडा के दो कॉल सेंटरों का पर्दाफाश, 43 अरेस्ट

डीसीपी ने बताया कि इसके बाद ये खुद को माइक्रोसॉफ्ट सर्टिफाइड साइबर एक्सपर्ट बता कर उनसे सम्पर्क करते थे. विश्वास में लेने के लिए फेडरल रिजर्व सिस्टम के नाम का फर्जी दस्तावेज भेजकर ही उनसे पैसे की डिमांड करते थे.

फर्राटेदार अंग्रेजी बोलकर अमेरिकियों को लूट लेते थे, नोएडा के दो कॉल सेंटरों का पर्दाफाश, 43 अरेस्ट
(प्रतीकात्मक तस्वीर)

नोएडा का एक कॉल सेंटर अमेरिकी नागरिकों के सिस्टम से छेड़कारी कर पॉप-अप मैसेज भेजकर उनके बैंक अकाउंट्स की डिटेल ले रहे थे और उनके लाखों रुपये की ठगी कर रहे थे. इस मामले का थाना-फेज 3 और थाना सेक्टर-63 पुलिस ने पर्दाफाश किया है. इन दोनों कॉल सेंटर से 43 लोगों को अरेस्टर किया गया है. इसमें 14 युवतियां भी सामिल हैं. ये दोनों ही कॉल सेंटर सागर नाम का आरोपी चला रहा था. इनके पास से 66 लैपटॉप, 37 हैंडसेट, लैपटॉप चार्जर, 13 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं. 

पकड़े गए सभी आरोपियों में नार्थ ईस्ट के सबसे ज्यादा युवा हैं. इनकी बात करने का तरीका और अंग्रेजी पर कमांड ज्यादा होती है. ये इस तरह से बात करते हैं जैसे अमेरिकी नागरिक ही बात कर रहा हो. इसलिए आसानी से अमेरिकी नागरिक इनके बहकावे में आ जाते थे. ये लोग ई-मेल ब्लास्टिंग कराते थे. यानी एक साथ लाखों ई-मेल पर क्लिक करते ही कंप्यूटर और लैपटॉप पर खराबी आनी शुरू हो जाती थी.

डीसीपी ने बताया कि इसके बाद ये खुद को माइक्रोसॉफ्ट सर्टिफाइड साइबर एक्सपर्ट बता कर उनसे सम्पर्क करते थे. विश्वास में लेने के लिए फेडरल रिजर्व सिस्टम के नाम का फर्जी दस्तावेज भेजकर ही उनसे पैसे की डिमांड करते थे. इस समस्या के निपटारे के लिए एक लिंक दिया जाता है. लिंक पर क्लिक करने के साथ उनके कम्प्यूटर को अपने कंट्रोल में टीम विवर, एनी डेस्क और अल्ट्रा विवर के जरिए लेकर उनके बैंक खातों की जानकारी हासिल करते थे. साथ ही सिस्टम को ठीक करने के लिए सर्विस चार्ज के रूप में मोटी रकम भी ले लेते थे. पैसे लेने के लिए ये लोग बारकोड भेजकर बिट क्वॉइन और क्रिप्टो करेंसी में भी ट्रांसफर ले लेते थे. 

ये लोग अमेरिकी नागरिकों को सोशल सिक्योरिटी नंबर से संबंधित आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होने का डर दिखाते थे और जेल जाने की धमकी भी देते थे. डर दिखाकर ही विदेशी नागरिकों से क्रिप्टो करेंसी और गिफ्ट कार्ड के जरिये रकम हासिल करते थे. (अरविंद उत्तम की रिपोर्ट )

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