दक्षिण पूर्व जिले के साइबर सेल के स्टाफ ने एक "फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर" का भंडाफोड़ किया है और चार लोगों मोहम्मद मुकर्रम हुसैन, अर्जुन सिंह सैनी, गगन भाटिया और शादाब अहमद उर्फ शादाब मलिक को गिरफ्तार किया है. ये सभी एक फ़र्ज़ी कॉल सेंटर के जरिए अमेरिकी नागरिकों को ठग रहे थे. दक्षिणी पूर्वी दिल्ली की डीसीपी ईशा पांडे के मुताबिक 6 अक्टूबर की रात शाहीन बाग इलाके में फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर के संबंध में सूचना प्राप्त हुई थी. पुलिस टीम ने सुबह करीब साढ़े चार बजे उस जगह पर छापा मारा और देखा कि चार लोग वहां मौजूद थे और विदेशियों से टेलीफोन पर बातचीत कर रहे थे.
उनके स्क्रीन पर अंतरराष्ट्रीय नंबर दिखाई दे रहे थे. पुलिस टीम को देखकर आरोपियों ने भागने की कोशिश की लेकिन पुलिस टीम ने उन्हें पकड़ लिया. पूछताछ करने पर आरोपियों की पहचान मोहम्मद मुकर्रम हुसैन, अर्जुन सिंह सैनी, गगन भाटिया और शादाब अहमद उर्फ शादाब मलिक के रूप में हुई. उनके कब्जे से दस मोबाइल फोन, दो लैपटॉप, एक वाईफाई राउटर और दो डेस्कटॉप कम्प्यूटर बरामद किए गए हैं.
आरोपियों ने तकनीकी माध्यमों से अपने वर्चुअल टोल फ्री नंबर वाली फर्जी वेबसाइट को इंटरनेट सर्च में सबसे आगे करवा दिया था. अमेरिकी नागरिक उनसे तकनीकी सहायता के लिए संपर्क करते थे. इस दौरान वे उनसे ऑनलाइन ठगी कर लेते थे.
लगातार पूछताछ के दौरान चारों आरोपियों ने खुलासा किया कि अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए और कम समय में आसान पैसा कमाने के लिए उन्होंने एक नकली अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर शुरू किया. उन्होंने खुलासा किया कि उन्होंने खुद को अमेज़ान के कर्मचारी बताकर कई अमेरिकी नागरिकों को ठगा है. उन्होंने यह भी खुलासा किया कि वे वीओआईपी कॉल पर बात करते थे.
आरोपी अर्जुन सिंह सैनी ने कम्प्यूटर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया है जबकि आरोपी शादाब ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है.
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